अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर, जनता को हो रही परेशानी

Edited By Nitika,Updated: 21 Feb, 2019 11:10 AM

doctors of private hospitals on indefinitely strike

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू किए जाने के विरोध में निजी अस्पताल अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। इसी के चलते सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 30 से 35 फीसदी बढ़ोतरी हो गई है।

हल्द्वानीः क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू किए जाने के विरोध में निजी अस्पताल अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। इसी के चलते सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 30 से 35 फीसदी बढ़ोतरी हो गई है।

जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी के बेस अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी हुई है लेकिन यहां पर भी मरीजों को खास राहत नहीं मिल रही है। इस अस्पताल में लंबे समय से फिजिशियन की तैनाती नहीं हैं। इसी के चलते गंभीर बीमारी वाले मरीजों को सुशीला तिवारी अस्पताल और अन्य बाहरी अस्पतालों के लिए रेफर किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों में तैनात तकनीकी विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नाम ज्ञापन भेजा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों के बन्द होने से कर्मचारियों के समक्ष रोजगार का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए निजी अस्पतालों को जल्द से जल्द खुलवाया जाए, जिससे मरीजों के साथ-साथ उनका भी भला हो सके। बता दें कि जिन अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या 200 से 300 तक होती थी, उनमें आज मरीजों की संख्या 800 से 900 तक के आसपास पहुंच गई है।


 

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