Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 07:59 PM
सीएमआई अस्पताल में इलाज कराने आई महिला अस्पताल की चाैथी मंजिल से कूद गई। महिला काे तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हाे गई। शादी के कई साल बाद भी बच्चा न होने से महिला डिप्रेशन में थी। साढ़े तीन साल से अस्पताल में उसका...
देहरादून: सीएमआई अस्पताल में इलाज कराने आई महिला अस्पताल की चाैथी मंजिल से कूद गई। महिला काे तुरंत आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हाे गई। शादी के कई साल बाद भी बच्चा न होने से महिला डिप्रेशन में थी। साढ़े तीन साल से अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। घटना की सूचना पर महिला के मां-बाप अस्पताल पहुंचे। उसका शव अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। मिली जानकारी ने अनुसार, धामपुर बिजनौर निवासी निवेदिता सिसौदिया गुरुवार को लगभग साढ़े दस बजे सीएमआई पहुंची। उसका डॉ. सुनीता प्रभाकर से इलाज चल रहा था।
तब तक डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठी थीं। इसी बीच महिला अस्पताल की चौथी मंजिल पर चली गई। लगभग सवा ग्यारह बजे महिला ने वहां से छलांग लगा दी। महिला के छलांग लगाने की खबर से अस्पताल में हड़कंप मच गया। उसे आनन-फानन आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू दिया। लेकिन, लगभग एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई। सीएमआई की सुपरिंटेंडेंट शुभ्रा गुप्ता ने बताया कि महिला अकेली अस्पताल आई थी। उसका लंबे समय से इलाज चल रहा था। उसे डॉक्टर्स और अस्पताल की पूरी जानकारी थी। जहां से उसने छलांग लगाई, वहां ऑपरेशन थियेटर है। ऑपरेशन थियेटर के आसपास रोज बहुत भीड़ रहती है।
दुर्भाग्य से आज वहां भीड़ नहीं थी। डॉ. सुनीता प्रभाकर सुबह ऑपरेशन थियेटर में रहती हैं। इसके बाद अोपीडी में बैठती हैं। यह जानकारी भी निवेदिता काे थी। शायद इसीलिए वह चौथी मंजिल पर डॉक्टर को देखने गई हो। उसने छलांग क्यों लगाई, इस संबंध में कुछ नहीं कहा जा सकता है। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि निवेदिता ने छलांग लगाने से पहले अपना मोबाइल व दुपट्टा वहीं बेंच पर रख दिया था। कयास लगाया जा रहा है कि बच्चा न होने से निवेदिता लंबे समय से डिप्रेशन में थी। इसी वजह से उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रेगनेंसी की थी उम्मीद
मृतका की मां बृजेश चौहान ने बताया कि उनकी बेटी-दामाद गुड़गांव में रहते हैं। सीएमआई में उसका इलाज चल रहा था। इसलिए वह समय-समय पर यहां आती रहती थी। 21 मई को भी वह सीएमआई आई थी। आज कुछ टेस्ट कराने थे। वह सुबह धामपुर से चली थी। सब कुछ सामान्य था। उसने छलांग क्यों लगाई, इसके बारे में उन्हें भी जानकारी नहीं है। इलाज के बाद उनकी बेटी के प्रेगनेंट होने की उम्मीद बन रही थी। उन्होंने बताया कि उनकी तीन बेटियों और एक बेटे में निवेदिता सबसे बड़ी थी। उसकी उम्र 36 साल थी। सीएमआई में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता प्रभाकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुरुवार को निवेदिता की उनसे मुलाकात नहीं हुई। घटना से स्तब्ध हूं। मेरे इलाज से निवेदिता एक बार प्रेगनेंट हुई थी। हालांकि, प्रेगनेंसी पूरी तरह सफल नहीं रही। उसका रुटीन इलाज चल रहा था और प्रेगनेंसी की उम्मीद थी। उसकी उम्र भी इतनी अधिक नहीं थी कि वह नाउम्मीद हो जाती।