Edited By Nitika,Updated: 08 Jan, 2019 05:01 PM
लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उनके इस फैसले का जहां एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वागत किया है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसा है।
देहरादून: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उनके इस फैसले का जहां एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वागत किया है, वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण लंबे समय से आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आखिरकार मोदी सरकार ने इसे मंजूरी देकर ऐतिहासिक फैसला ले लिया है। सीएम ने कहा कि केंद्र के इस फैसले के बाद सामाजिक और आर्थिक संतुलन कायम रहेगा।
वहीं हरीश रावत ने शायराना अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि 'बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते'। इसके साथ ही पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए आरक्षण के फैसले को चुनावी फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जितनी मर्जी जुमलेबाजी कर ले लेकिन जनता इस बार इसमें फंसने वाली नहीं है।
बता दें कि 2018 में SC/ST एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर सवर्ण मोदी सरकार से नाराज चल रहे थे। इसी के चलते केंद्र सरकार ने सोमवार को सवर्णों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी।