Edited By Nitika,Updated: 01 Mar, 2020 05:50 PM
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत 3 तरफ से मुश्किलों में घिर चुके हैं। जहां एक तरफ भाजपा सांसद ने याचिका दायर कर उन्हें कोर्ट में घसीट लिया है, वहीं दूसरी तरफ वह सर्वे में भी पिछड़ गए हैं।
देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत 3 तरफ से मुश्किलों में घिर चुके हैं। जहां एक तरफ भाजपा सांसद ने याचिका दायर कर उन्हें कोर्ट में घसीट लिया है, वहीं दूसरी तरफ वह सर्वे में भी पिछड़ गए हैं। इसी के चलते अब वह जल्द ही कैबिनेट विस्तार कर सकते हैं।
भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में उत्तराखंड हाईकोर्ट में चारधाम और 51 अन्य मंदिरों के संचालन के नए कानून का विरोध करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है। इसके साथ ही दूसरी तरफ एक निजी न्यूज चैनल के सर्वे में भी वह काफी पिछड़े हैं।
वहीं सीएम रावत ने अगले साल कुंभ मेले के आयोजन को लेकर पिछले महीने की शुरुआत में हरिद्वार में संतों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कोई भी संत नहीं आए। कई बार फोन किए गए लेकिन कोई नहीं पहुंचा। संतों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए थे। आधा घंटा बीत गया था और मुख्यमंत्री अभी भी इंतजार कर रहे थे। वरिष्ठ अधिकारी यह बताने का साहस नहीं जुटा सके कि संत यहां नहीं आकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
बता दें कि अंत में एक अधिकारी जिनकी संतों के बीच अच्छी पकड़ है, उन्हें बैठक में भाग लेने के लिए संतों को मनाने के लिए रवाना किया गया। बैठक में संतों ने कुंभ मेले की धीमी तैयारियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की। इसके बाद सीएम ने उनके सामने अधिकारियों को फटकार लगाई।