Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2018 11:17 AM
चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के नजदीक नीति घाटी में वीरवार रात भारी बारिश व्यापक नुकसान होने की खबर आ रही है। यहां सीमांत मलारी रोड पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के मजदूरों के कैंप मलबे में तबाह हो गए। मलबे से अब तक दो मजदूरों के शव निकाल लिए...
देहरादून/ब्यूरो। चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के नजदीक नीति घाटी में वीरवार रात भारी बारिश व्यापक नुकसान होने की खबर आ रही है। यहां सीमांत मलारी रोड पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के मजदूरों के कैंप मलबे में तबाह हो गए। मलबे से अब तक दो मजदूरों के शव निकाल लिए गए हैं, जबकि तीन अन्य मजदूर अभी भी दबे हैं। दो ग्रामीणों की मौत की भी सूचना है। चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क भी मलबा आने से बंद हो गई है।
इलाके में जेलम और तमक गांव को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। घर, खेत और रास्ते भी आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। क्षेत्र के कई गांवों का तहसील और जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। जोशीमठ से स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ), पुलिस, बीआरओ और आपदा प्रबंधन विभाग की रेस्क्यू टीमें प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना कर दी गई हैं।
जोशीमठ से करीब 50 किलोमीटर दूर नीति घाटी में मलारी रोड पर बीआरओ के मजदूरों के कैंप हैं। ये मजदूर इस सीमांत क्षेत्र में सड़कों के रखरखाव के लिए तैनात रखे जाते हैं। पूरी नीति घाटी में वीरवार शाम से ही बारिश का सिलसिला तेज हो गया, तो तड़के तक जारी रहा।
हालांकि, सुबह मौसम खुल गया। मगर, देर रात भारी बारिश ने यहां जेलम और तमक समेत कई गांवों में व्यापक नुकसान पहुंचाया। मलारी कोसा में भापकुंड के पास स्थित बीआरओ के मजदूरों के कैंप पहाड़ी से भारी मात्रा में आए मलबे में दब गए। आसपास के ग्रामीणों और अन्य मजदूरों ने रात ही दबे लोगों को निकालने का प्रयास शुरू कर दिया। सुबह सात बजे इसकी सूचना जोशीमठ तहसील प्रशासन को मिली, तो रेस्क्यू टीमों को रवाना किया गया।
मकान भी ध्वस्त, क्षेत्र का मुख्यालय से संपर्क कटा
राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, मलबे में पांच मजदूर दबे थे। इनमें से दो के शव निकाल लिए गए हैं। अन्य तीन को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में तीन आवासीय भवनों के क्षतिग्रस्त होने और दो ग्रामीणों की मौत की सूचना है। आधिकारिक तौर पर स्थिति रेस्क्यू टीमों के प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने के बाद ही स्पष्ट होगी। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि तमक नाले में बड़े पैमाने पर मलबा आने से एक दर्जन से अधिक गांवों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है। नीति घाटी के तमाम बरसाती गदेरे उफान पर हैं।
एनएच-58 लामबगड़ में बंद
इसबीच, गाजियाबाद-माणा नेशनल हाईवे-58 जोशीमठ और बदरीनाथ के बीच लामबगड़ में मलबा आने से बंद हो गया है, जिसे खोलने का प्रयास किया जा रहा है।