कोरोना काल में बेसहारा बच्चों की सहारा बनेगी 'मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना', धामी ने किया शुभारम्भ

Edited By Nitika,Updated: 03 Aug, 2021 11:21 AM

chief minister vatsalya yojana will become the support of destitute children

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमणकाल में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना सहारा बन कर सामने आई है। सोमवार को स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या और औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने संयुक्त रूप से...

 

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमणकाल में अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना सहारा बन कर सामने आई है। सोमवार को स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या और औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने संयुक्त रूप से शुभारम्भ किया।
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मुख्यमंत्री ने डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में तीन-तीन हजार रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर की। धामी ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों के माता-पिता व संरक्षक के चले जाने की भरपाई करना मुमकिन नहीं है। परंतु राज्य सरकार एक अभिभावक की तरह इनका हमेशा ध्यान रखेगी। जिलों में डीएम इनके सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भाव में ही भगवान होते हैं। हमारा इन बच्चों के प्रति स्नेह, प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी इन बच्चों के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें। इनकी सहायता से पुण्य प्राप्त होगा। वात्सल्य, माता-पिता में अपने बच्चों के लिए होने वाला नैसर्गिक प्रेम होता है। उन्होंने कहा कि वे इन बच्चों के मामा की तरह ध्यान रखेंगे। कोरोना काल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं।
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धामी ने कहा कि यह पहली योजना होगी, जिसमें हम चाहते हैं कि योजना में आच्छादित बच्चों की संख्या इतनी ही बनी रहे, और किसी बच्चे को इसकी जरूरत न हो। फिर भी हम इनकी पूरी देखभाल करेंगे। ये बच्चे पूरे प्रदेश की पहचान बनेंगे। अपने -अपने क्षेत्र में वे लीडर बनेंगे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि अभावों में संघर्ष करने वाले अपनी संकल्प शक्ति से आसमान को छूते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आच्छादित बच्चों को प्रति माह 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसके साथ ही इन्हें निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है। जिलों के डीएम इन बच्चों की सम्पत्ति का संरक्षण भी करेंगे। अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। सरकार इन बच्चों के कौशल विकास पर भी ध्यान देगी।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि यह योजना सरकार के मानवीय चेहरे को बताता है। कोरोना ने हमसे बहुत कुछ छीना है। हर किसी ने अपने किसी को खोया है। हमें इस दर्द से संघर्ष करके आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पीड़ा को मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने समझा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करती है। यह योजना बच्चों को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सशक्त करेगी। सरकार इनके अभिभावक की भूमिका का निर्वाह कर रही है। 

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