Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jun, 2018 02:50 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून आने के मौके पर हाथी कॉरिडोर की अनदेखी कर रातोंरात वन भूमि पर बनाई गई सड़क के मामले में नोडल अधिकारी और पीसीसीएफ ने जांच बैठा दी है। इसके बाद वन विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ...
देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून आने के मौके पर हाथी कॉरिडोर की अनदेखी कर रातोंरात वन भूमि पर बनाई गई सड़क के मामले में नोडल अधिकारी और पीसीसीएफ ने जांच बैठा दी है। इसके बाद वन विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से भूईंया मंदिर तक 3.36 किलोमीटर सड़क बनने का खुलासा सिर्फ पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स ने किया था। अब इस सम्बंध में जिला प्रशासन और वन विभाग दोनों स्पष्टीकरण मांगा गया है।
वर्ष 2008 में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से रायपुर (24.75 किमी) तक कच्चे मार्ग को दो लेन पक्के मोटर मार्ग में तब्दील करने के लिए एक प्रस्ताव शासन से पास हुआ था। इस मार्ग पर कुछ काम हुआ, लेकिन इसका निर्माण बीच में ही इसलिए रोक दिया गया क्योंकि वन विभाग ने कहा कि एयरपोर्ट से भूईंया मंदिर तक 3.36 किलोमीटर का पैच (हिस्सा) हाथी कॉरिडोर के रूप में चयनित है। इस कॉरिडोर से हाथियों, बाघ, बारहसिंघा व नील गाय जैसे जानवरों का हर रोज गुजरना होता है। वन विभाग की आपत्ति के बाद इस हिस्से में सड़क का निर्माण रोक दिया गया। इसके बाद वर्ष 2010 में दोबारा रोड का बनाने की पहल हुई। फिर वन विभाग के अड़ंगे से यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई।
इसी बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 50 हजार साधकों के साथ योग करने पीएम मोदी बीते 22 जून को देहरादून पहुंचे। उनके आने से तीन दिन पहले रात के अंधेरे में अचानक जौलीग्रांट एयरपोर्ट से भुईंया मंदिर (3.36 किमी) तक पक्की सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया। रोड के अधिकांश हिस्से पर ब्लैक टॉपिंग कर दी गई। जानकारी के बावजूद वन महकमा मौन रहा। अब इस मामले में देहरादून में मौजूद केन्द्रीय वन महकमे के नोडल अफसर ने डीएफओ देहरादून और डीएम देहरादून से वन भूमि में इस सड़क को बनाए जाने को लेकर जवाब तलब किया है। दूसरी ओर, पीसीसीएफ जयराज ने भी डीएफओ देहरादून को मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
डीएम ने किया था विशेष शक्ति का प्रयोग
पीएम मोदी के आने से ऐन पूर्व जौलीग्रांट एयरपोर्ट से भुईंया मंदिर (3.36 किमी) तक पक्की सड़क निर्माण के लिए डीएम देहरादून एसए मुरुगेशन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 के तहत जिलाधिकारी को प्रदत्त विशेष शक्ति का प्रयोग करते हुए इस सड़क के निर्माण की अनुमति दी थी। बीते 16 जून को डीएम के यह आदेश जारी हुआ। इस संबंध में डीएफओ देहरादून का कहना है कि इस मामले में वन महकमे के नोडल अफसर ने वन विभाग व जिला प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा है। हम इसका जवाब दे रहे हैं।