CM रावत की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की अहम बैठक, 14 प्रस्तावों पर लगी मुहर

Edited By Nitika,Updated: 28 Feb, 2020 06:35 PM

cabinet meeting held under the chairmanship of cm rawat

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में 14 प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई।

 

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में 14 प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई।

केन्द्र सरकार ने राज्य के साइंस सिटी में सलाहकार पद स्वीकृत किया है। इस पद पर कैबिनेट ने जीएस रौतेला को सलाहकार नामित किया है। वह राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद में भी कार्य कर चुके हैं। यह नियुक्ति तीन वर्ष के लिए होगी। फैसलों में मेगा इंडस्ट्री इन्वेस्टमेंट नीति 2015 में संसोधन, निगेटिव लिस्ट में शामिल उत्पादों पर अब छूट नहीं देने, तंबाकू, पान मसाला, सीमेंट, पॉलीथीन आदि पर भी कोई छूट नहीं देना शामिल है। जबकि पहले से ही स्थापित उत्पादों पर 5 साल तक छूट दी जाती रहेगी।

कैबिनेट ने मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी की धारा नौ में संशोधन करते हुए इसे साल 2021 से बढ़ाकर 2023 तक कर दिया है। अटल आयुष्मान योजना में बदलाव करते हुये सरकारी अस्पताल की रेफरल प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। साथ ही, स्टेट हेल्थ एजेंसी की जगह स्टेट हेल्थ अथॉरिटी नामित की जाएगी। इसके लिए कॉल सेंटर का गठन भी किया जाएगा। राज्य में 10 कॉल सेंटर स्थापित किए जायेंगे। आयुष्मान योजना में दिक्कतों को लेकर कॉल सेंटर के माध्यम से जानकारी ली जाएगी।

वहीं सूत्रों ने बताया कि अब राज्य कर्मचारियों को अटल आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज का कैबिनेट ने निर्णय लिया है। इन कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा के तहत ग्रेड पे के हिसाब से महीने में सरकार प्रीमियम लेगी। वेतनमान के हिसाब से 250, 450, 650, 1000 रुपये का प्रीमियम सरकार वसूल कर आयुष्मान योजना का लाभ देगी। राज्य में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्टाटर्अप नीति 2018 में संशोधन के अलावा, पंचायतीराज एक्ट 2016 में भी संशोधन किया गया है। इसकी धारा 2 में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को परिभाषित किया गया है।

एक अन्य प्रस्ताव संविदा कृषि अधिनियम 2018 को राज्य में लागू किए जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। किसानों के साथ कॉन्ट्रेक्ट (संविदा) कर अधिनियम के तहत खेती की जाएगी। अब राज्य कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2011 की जगह पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कृषि उपज एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 प्रदेश में लागू होगा। किसानों के लिए मंडी में फसल पहुंचाने की अनिवार्यता भी सरकार ने खत्म कर दी है। किसान अपने दामों पर कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे। इतना ही नहीं अब मंडी परिषद के अध्यक्ष सरकार द्वारा मनोनीत नहीं होकर, चुनाव के माध्यम से निर्वाचित होंगे।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अब 500 मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी नई सड़क भी बना सकेगा। अभी तक स्थानीय निकायों को ही यह अधिकार था। आदि बद्री से सटी जमीन को पार्किंग के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग को सरकार द्वारा नि:शुल्क दिए जाने का फैसला लिया गया है। जबकि राज्य के 162 कब्रिस्तान की चहारदीवारी करने के लिए समय सीमा एक साल तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड उपकर अधिनियम 2015 के अंतर्गत विक्रय कीमत में संसोधन किया गया है।
 

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