टैक्स से बचने को कैश पेंमेंट पर अड़े पुस्तक विक्रेता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Apr, 2018 04:05 PM

book shopkeepers ask for cash payment

अभिभावकों की परेशानी किसी भी स्तर पर कम होने का नाम नहीं ले रही है। किताबों के मनमाने रेट से तो वह पहले ही परेशान थे। अब दुकानदार का नकद पेमेंट की जिद करना उन पर और भी भारी पड़ रहा है। कार्ड स्वैप होने की उम्मीद में घर से निकले अभिभावकों को बुधवार...

देहरादून: अभिभावकों की परेशानी किसी भी स्तर पर कम होने का नाम नहीं ले रही है। किताबों के मनमाने रेट से तो वह पहले ही परेशान थे। अब दुकानदार का नकद पेमेंट की जिद करना उन पर और भी भारी पड़ रहा है। कार्ड स्वैप होने की उम्मीद में घर से निकले अभिभावकों को बुधवार भारी परेशानी उठानी पड़ी। पुस्तक विक्रेताओं के कैश पेमेंट की मांग पर अभिभावकों ने एटीएम की ओर रुख किया, तो अधिकतम एटीएम में रुपये नहीं निकले। दुकानदार कैश पेंमेंट पर अड़ गए, तो कई अभिभावकों को किताबों को लिए बिना खाली हाथ ही घर लौटना पड़ा।

 

दरअसल, डिस्पेंसरी रोड और उससे लगती घोसी गली में अधिकतर बुकसेलर हैं। इन दुकानों में आईसीएसई और सीबीएसई दोनों की किताबें उपलब्ध हैं। कुछ बुकसेलर स्कूल विशेष की ही किताबें बेच रहे हैं। लेकिन, परेशानी यह है कि इनमें कई बुलसेलर ई-पेमेंट नहीं ले रहे हैं। सीबीएसई की किताबें तो कई दुकानों में मिल रही हैं। लेकिन, आईसीएसई की स्कूल विशेष की किताबें तय दुकान में ही मिल रही हैं। ऐसे में उनके ई-पेमेंट न लेने पर अभिभावकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अभिभावक आशीष कुमार का कहना है कि वह अधिकतर ई-पेमेंट ही करते हैं। 

 

कैश बहुत कम रखते हैं। किताबें लेने आए, तो यहां कार्ड स्वैप नहीं किया जा रहा है। घंटाघर के आसपास चार-पांच एटीएम चैक किए। लेकिन, कैश नहीं मिला। ऐसे में बिना किताब लिए ही वापस जाना पड़ रहा है। उन्होंने आक्रोशित होकर कहा कि कालाधन रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी जैसा सख्त उठाया और कैशलेश व्यवस्था को अपनाने की अपील की। लेकिन, विभिन्न स्तर पर फिर कालाबाजारी शुरू हो गई है। टैक्स से बचने के लिए व्यापारी ई-पेमेंट से परहेज कर रहे हैं।

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