अब बदरीनाथ मंदिर के छत को भी सोने के पत्तर से मढ़ने की तैयारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 May, 2018 07:36 PM

badrinath temple roof cover with full golden plates

अब बदरीनाथ धाम में बदरी नारायण के मंदिर की छत सोने के पत्तर से मढ़ी जाएगी। इसके लिए कुछ महीने पहले श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) बीते मार्च 17 में बाकायदा प्रस्ताव भी पारित कर चुका है। प्रस्ताव दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब...

देहरादून/दीपक फरस्वाण: अब बदरीनाथ धाम में बदरी नारायण के मंदिर की छत सोने के पत्तर से मढ़ी जाएगी। इसके लिए कुछ महीने पहले श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) बीते मार्च 17 में बाकायदा प्रस्ताव भी पारित कर चुका है। प्रस्ताव दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ भ्रष्टाचार में नाम जुड़ने के बाद चर्चाओं में आए भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं ने दिया था। इसे लेकर मंदिर समिति में दो राय हो चुकी है। जहां मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का कहना है कि कौन दान दे रहा है और पत्तर लगा रहा है, हमें इससे मतलब नहीं। हम सिर्फ दानी को जानते हैं। यह मंदिर समिति के एक्ट से पारित है। इसलिए हमें कोई आपत्ति नहीं। 

 

उधर बीकेटीसी के चेयरमैन व कांग्रेस के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल का कहना है कि जब यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था, तो गुप्ता बंधुओं के खिलाफ कोई भी मामला नहीं था। क्योंकि अब वह भ्रष्टाचार के आरोप में फंस चुके हैं। इसलिए समिति पूरे मामले की जानकारी आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को देने जा रही है। मंदिर समिति में प्रस्ताव पारित होने के बाद गुप्ता बंधुओं ने छत पर सोने का पत्तर लगाने के लिए निर्माण देहरादून के कारीगरों से शुरू करवा दिया था। यह स्वर्ण पत्तर बनकर तैयार हो चुका है। विवाद तब शुरू हुआ, जब उत्तराखंड की भाजपा सरकार को प्रभाव में लेकर बदरीनाथ मंदिर की छत पर सोने का पत्तर लगाने के लिए शुक्रवार की देर शाम कारीगरों ने बारीकी से छत की नापजोख कर डाली। 


कौन हैं गुप्ता बंधु
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गुप्ता बंधु अजय, अतुल और राजेश गुप्ता दक्षिण अफ्रीका में श्वेत शासन समाप्त होते ही 1993 में भारत से वहां चले गए थे। गुप्ता परिवार का वहां कंप्यूटिंग, खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया समेत कई क्षेत्रों में कारोबार है। गुप्ता परिवार पर आरोप है कि किसानों की मदद के लिए बनाया गए एस्टिना डेयरी के जरिये गलत तरीके से इन लोगों ने लाखों डॉलर की कमाई की, क्योंकि इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब का सीधा समर्थन हासिल था। 14 फरवरी 18 को दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा को अपने पद से इसलिए इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बुंधुओं के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के कई आरोप उन पर साबित हुए थे। 

 

इन्हीं मामलों में गुप्ता बंधुओं को दक्षिण अफ्रीका ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। इसका प्रभाव यह हुआ कि इधर देहरादून में स्थित गुप्ता बंधुओं के आवास व ठिकानों पर भी बीते 6 व 7 मार्च को आयकर विभाग व ईडी की टीम ने छापेमारी की थी जिसमें आयकर चोरी के कई मामले सामने आए थे। गोविंद गोदियाल का तर्क है कि भ्रष्टाचार के इन मामलों की वजह से बदली परिस्थितियों में मंदिर समिति नहीं चाहती कि गुप्ता बुधंओं से मंदिर की छत को सोने की छत से बदलने के मामले में वह किसी विवाद में पड़े। समिति ने अपनी इस मंशा की जानकारी गुप्ता बंधुओं के प्रतिनिधियों तक पहुंचा दी है।

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