Edited By Nitika,Updated: 03 Jun, 2018 06:43 PM
लखनऊ में साल 2013 में चर्चित मधुमिता हत्याकांड को लेकर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार पर भी कड़े सवाल उठाए हैं।
देहरादूनः लखनऊ में साल 2013 में चर्चित मधुमिता हत्याकांड को लेकर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार पर भी कड़े सवाल उठाए हैं।
निधि शुक्ला ने कहा कि अभी अमनमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी ने उत्तराखंड राज्यपाल के यहां दया याचिका दायर की है। दया याचिका दायर करने के बाद अब निधि शुक्ला ने भी राज्यपाल से अपील की है कि उसकी दया याचिका पर विचार ना हो। उन्होंने कहा है कि 7 साल के अमरमणि त्रिपाठी ने राज्यपाल के यहां जो याचिका दायर की है उसमें उन्होंने लिखा है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए वह जेल में नहीं रह सकते। राज्यपाल से अपील करते हुए दोनों पति-पत्नी ने अपनी उम्रकैद खत्म करने का पत्र दायर किया है जिसके बाद मधुमिता की बहन ने कहा है कि वह राज्यपाल से अपील करती है कि एक हत्यारे लूट डकैती और रेप जैसे मामलों में आरोपी अमरमणि त्रिपाठी को दया नहीं मिलनी चाहिए। निधि शुक्ला ने देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा है कि अमरमणि त्रिपाठी अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर से ही अपना साम्राज्य चला रहा है।
निधि शुक्ला ने कहा है कि उत्तराखंड जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका कैदी कहां पर है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी को उत्तराखंड की हरिद्वार जेल में शिफ्ट किया था। वह कैदी उत्तराखंड का है इसलिए उत्तराखंड जेल प्रशासन और शासन को यह देखना चाहिए कि वह 4 साल से राज्य से बाहर है और कोई इस बारे में बात तक करने के लिए तैयार नहीं है।
यह था मामला
उत्तर प्रदेश में मधुमिता की हत्या साल 2003 में हुई थी। इस हत्या के पीछे की वजह थी अमनमणि त्रिपाठी का बच्चा जो मधुमिता की कोख में पल रहा था। अमरमणि नहीं चाहता था कि वह उस बच्चे को जन्म दे हालांकि अमरमणि पहले भी दो बार मधुमिता का अबोशन करवा चुका था लेकिन तीसरी बार मधुमिता नहीं चाहती थी कि वह बच्चे को गिरा है जबकि अमरमणि त्रिपाठी उसके ऊपर लगातार बच्चा गिराने का दबाव बना रहा था। अमरमणि त्रिपाठी की पत्नी मधुमणि ने दो शूटर भेजकर लखनऊ स्थित मधुमिता के घर पर गोली मारकर उसकी हत्या करवा दी थी जिस वक्त मधुमिता की हत्या हुई थी उस वक्त वह प्रेग्नेंट थी और बाद में डीएनए से मालूम हुआ था कि मधुमिता कि पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का ही है।
बाद में साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई के विशेष इज्जत से करवाने के निर्देश दिए थे यह नहीं निधि शुक्ला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को उत्तर प्रदेश से दूर उत्तराखंड की देहरादून शिफ्ट करने की बात कही थी जिसके बाद उसे हरिद्वार जेल में शिफ्ट कर दिया गया था क्योंकि उत्तर प्रदेश में रहते हुए अमरमणि त्रिपाठी के इस मामले में जिस वक्त यह मामला कोर्ट में चल रहा था तब कभी गवाह मुकर जाते तो कभी सबूतों को मिटा दिया जाता।