पुरानी फीस पर ही होंगे एमबीबीएस में एडमिशन, पढ़ें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2018 01:12 PM

admission in mbbs will be done at previous fees

राज्य में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं का एडमिशन पुरानी फीस पर ही होगा। निजी मेडिकल संस्थानों ने फीस तय कर नई फीस पर एडमिशन कराने का फरमान जारी किया था। विरोध के बाद वापस ले लिया गया। कोर्ट की ओर से फीस के संबंध में निर्णय न होने के कारण वीरवार को हुई...

देहरादून/ब्यूरो।  राज्य में एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं का एडमिशन पुरानी फीस पर ही होगा। निजी मेडिकल संस्थानों ने फीस तय कर नई फीस पर एडमिशन कराने का फरमान जारी किया था। विरोध के बाद वापस ले लिया गया। कोर्ट की ओर से फीस के संबंध में निर्णय न होने के कारण वीरवार को हुई सचिव स्तरीय बैठक में भी पुरानी फीस पर ही एडमीशन कराने का निर्णय लिया गया। मेडिकल विवि एमबीबीएस और डेंटल छात्र-छात्राओं के लिये 25 जून से काउंसिलिंग शुरू करेगा। काउंसिलिंग ऑनलाइन होगी।

एमबीबीएस छात्रों की फीस और काउंसिलिंग लेकर सचिवालय में हुई बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। सबसे बड़ी समस्या फीस को लेकर है। विवि ने एमबीबीएस में राज्य के छात्रों के लिए प्रतिवर्ष चार लाख और बाहरी छात्रों के लिए पांच रुपये फीस तय की है। निजी मेडिकल संस्थानों ने राज्य के छात्रों के लिये 11 लाख रुपये और बाहरी छात्रों के लिये 15 लाख रुपये फीस का प्रस्ताव विवि को दिया है।

फीस के लिये समिति कोई फैसला नहीं कर पाई। समिति में अध्यक्ष न होने के कारण कोई काम भी नहीं कर पा रही है। इससे फीस को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सीट आवंटित होने के साथ ही छात्रों को कुछ धनराशि जमा करना होगी। इसके तहत निजी संस्थानों में सीट अऑट होने पर एक लाख रुपया और सरकारी कॉलेज में सीट आवंटित होने पर दस हजार रुपया जमा करना होगा।

पूर्व में सीट अलॉट होने के बाद छात्र के एडमिशन न लेने के कारण सीट खाली रह गई थी। अलॉट के बाद सीट खाली न रहे इसलिये अलॉटमेंट के साथ ही धनराशि जमा करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा अरुणेंद्र चौहान, निदेशक चिकित्सा डॉ. आशुतोष सयाना, रजिस्ट्रार मेडिकल विवि डॉ. विजय जुयाल आदि मौजूद थे।

कोर्ट में है फीस का मामला
मेडिकल छात्रों की फीस का मामला फिलहाल हाईकोर्ट में है। निजी संस्थान फीस बढ़ाने को लेकर कोर्ट गये थे। उस पर अभी कोर्ट की ओर से निर्णय नहीं हो पाया है।

तीन चरणों में होगी काउंसिलिंग
नीट के चयनित छात्रों के लिये पहली काउंसिलिंग 25 जून से पांच जुलाई तक चलेगी। 12 जुलाई तक चयनित छात्र दाखिला लेंगे। दूसरी काउंसिलिंग 15 जुलाई से 26 जुलाई तक होगी। दोनों काउंसिलिंग ऑनलाइन होगी। तीसरी और अंतिम काउंसिलिंग चार अगस्त से आठ अगस्त तक होगी। यह ऑफलाइन होगी। राज्य में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल छह सौ सीटें हैं। इनमें साढ़े तीन सौ सीटें सरकारी कॉलेजों में हैं, जबकि 250 सीटें निजी मेडिकल संस्थानों के पास है। एक निजी कॉलेज को मान्यता न मिलने के कारण व एक की सीटें कम होने के कारण दो सौ सीटों का नुकसान राज्य को हुआ है।

इन कॉलेजों में सीटें
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के पास 150 सीट, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के पास एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं। निजी संस्थानों में एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज देहरादून-150 सीटें हैं व हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस जॉलीग्राट 100 हैं। वहीं, डेंटल में सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश और उत्तरांचल डेंटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पास 100-100 सीटें हैं।

फिलहाल पुरानी फीस के आधार पर ही एमबीबीएस के एडमिशन होंगे। काउंसिलिंग के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार ही काउंसिलिंग होगी।
डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा

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