Edited By Nitika,Updated: 22 May, 2018 04:54 PM
उत्तराखंड में सोमवार का दिन पर्वतारोहियों की भूमि उत्तरकाशी के लिए नई उपलब्धियां लेकर आया। उत्तरकाशी के 3 पर्वतारोहियों मे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया है।
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में सोमवार का दिन पर्वतारोहियों की भूमि उत्तरकाशी के लिए नई उपलब्धियां लेकर आया। उत्तरकाशी के 3 पर्वतारोहियों मे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह किया है। इसमें सबसे कम उम्र की पर्वतारोही नाल्ड गांव की 21 वर्षीया पूनम राणा है।
जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी के 3 पर्वतारोहियों ने माउंट एवरेस्ट को फतह करने में सफलता पाई। इन पर्वतारोहियों में पूनम और नाकुर के संदीप टोलिया ने प्रसिद्ध पर्वतारोही बछेंद्री पाल के दिशा-निर्देश में जीत हासिल की है, जबकि रवि चौहान ने उत्तराखंड पुलिस के नेतृत्व में यह उपलब्धि प्राप्त की है। इन पर्वतारोहियों में नाल्ड गांव की पूनम उम्र के लिहाज से सबसे छोटी हैं, लेकिन उनकी जिंदगी में आई मुसीबतों को देखते हुए उनकी यह कामयाबी सबसे बड़ी साबित हुई है। पूनम ने बचपन में ही अपने माता पिता को खो दिया था, जबकि उनके 2 भाइयों की कुछ साल पहले अचानक मौत हो गई थी। दुनिया की पहली महिला एवरेस्टर बछेंद्री पाल ने उन्हें सहारा देकर पर्वतारोहण में निपुण बनाया। पूनम के हुनर को पहचानकर उन्होंने पूनम का चयन टाटा स्टील फाउंडेशन की वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट अभियान पर जाने वाले दल में किया।
बता दें कि जनवरी महीने में पूनम दक्षिण अमेरिका के 6962 मीटर ऊंचे माउंट अकोंकागुआ अभियान पर गई थी लेकिन उन्हें वहां खराब मौसम के कारण आधे रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा। पूनम ने इससे हार नहीं मानी और आज दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने में कामयाबी हासिल की। वहीं नाकुरी गांव के 42 वर्षीय संदीप टोलिया भी टाटा स्टील फाउंडेशन के दल में शामिल थे। उन्होंने भी पूनम के साथ एवरेस्ट को फतह किया। इसके अतिरिक्त बाड़ाहाट निवासी और एसडीआरएफ में कार्यरत रवि चौहान ने अपने बचपन के सपने को पूरा किया है।