Edited By Nitika,Updated: 04 May, 2018 05:21 PM
उत्तराखंड में प्रशासन की लापरवाही के कारण एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पति के 2 दशक पहले गुजरने के बाद लगभग 1 साल से प्रशासन की उदासीनता के कारण बुजुर्ग महिला को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में प्रशासन की लापरवाही के कारण एक 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पति के 2 दशक पहले गुजरने के बाद लगभग 1 साल से प्रशासन की उदासीनता के कारण बुजुर्ग महिला को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, ऐसा ही एक मामला चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के दुराष्ट गांव श्रीकोट बबाणंती का सामने आया है, जहां 82 साल की बुजुर्ग महिला को विधवा पेंशन ना मिलने पर जिला मुख्यालय और समाज कल्याण के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कलेक्ट्रेट पहुंची नकटी देवी पत्नी स्व. बगोलियालाल ने बताया कि दो दशक पहले उनके पति का देहांत हो गया था। उनकी कोई संतान नहीं है। गुजर बसर करने के लिए समाज कल्याण विभाग से उनकी एसबीआइ चिन्यालीसौड़ में विधवा पेंशन आती थी। इसी पेंशन के सहारे अपना जीवन यापन कर रही थी लेकिन वर्ष 2017 से वह पेंशन भी बंद हो गई।
पेंशन बंद होने के कारण का पता लगाने के लिए कई बार विभाग के चक्कर काट चुकी हूं लेकिन अभी तक भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। पैसा नहीं होने से गुजर बसर करने में परेशानी हो रही है। गांव में आसपास पड़ोसियों से उधार मांगकर अपनी जिंदगी काट रही हूं। वंहीं इस मामले में ग्रामीण जनप्रतिनिधि भी एसडीएम जिलाधिकारी और समाज कल्याण को अवगत करवाने की बात कह रहे है।