उत्तराखंड: रेल की चपेट में आने से मादा हाथी की मौत, मचा हड़कंप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2018 04:13 PM

33 year old female elephant died in rail accident

देहरादून-हरिद्वार रेल लाइन पर रेल की लापरवाही से एक हाथी को कटकर मौत हो गईं। टाइगर रिज़र्व के कर्मियों के ट्रैक पर हाथी होने के सिग्नल को रेलवे चालक ने अनदेखा किया और हरिद्वार रेंज से लगते हिमालयन कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे ट्रैक पर हाथी को...

हरिद्वार: देहरादून-हरिद्वार रेल लाइन पर रेल की लापरवाही से एक हाथी को कटकर मौत हो गईं। टाइगर रिज़र्व के कर्मियों के ट्रैक पर हाथी होने के सिग्नल को रेलवे चालक ने अनदेखा किया और हरिद्वार रेंज से लगते हिमालयन कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे ट्रैक पर हाथी को जोरदार टक्कर लगी। घटना बीती रात 12 से 1 बजे की है। देहरादून से काठगोदाम जाने वाली ट्रेन की टक्कर में 33 साल की मादा की मौत हुई है।

 

आश्चर्यजनक यह रहा कि ट्रेन के ड्राइवर ने कुछ दूर जाकर इमरजेंसी ब्रेक मारी और जबतक चालक के पास फॉरेस्ट कर्मी पहुँचते ट्रैन आगे निकल गईं। मामले को लेकर रात से टाइगर रिज़र्व और वनाधिकार में हड़कप मचा है। लापरवाही का आलम यह है कि राज्य बनने के बाद 36 हाथियों की रेलवे की टक्कर से मौत हो चुकी है। रेलवे की बार-बार लापरवाही को लेकर टाइगर रिजर्व के निदेशक सहित आला अधिकारी बेहद नाराज हैं। रेल के चालक पर मुकदमे की तैयारी की जा रही है। आला अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।

 

रेलवे पर राजाजी के नोटिस का नहीं हुआ है कोई बड़ा असर
एक बार फिर साबित हुआ कि वन महकमे और रेलवे जे ऑफिसरों के बीच बेहतर तालमेल नहीं होने के कारण हाथियों की ट्रैक पर मौत हो रही है। अब तक उस ट्रैक पर 36 हाथी अपनी जान गवा चुके हैं। किलर ट्रैक को लेकर कई बैठक वन महकमे और रेलवे की हो चुकी है लेकिन हाथियों के मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही ये बात सामने आई थी कि रेलवे ने हरिद्वार-मोतीचूर के बीच पड़ने वाले जंगल के ट्रैक पर गार्बेज फेंक देते है। खास कर कैटरिंग उपलब्ध करने वाले ट्रेनों में, इन्हीं खाद्य पदार्थो जे लालच में हाथी सहित अन्य वन्य जीव ट्रैक की ओर रुख करते हैं। 

 

हाल ही में राजाजी टाइगर रिज़र्व के हरिद्वार से कांसरो रेंज तक का रेलवे ट्रैक वन्य जीवों के लिए किलर ट्रैक पर राजाजी के कांसरो रेंज के रेंजर डीपी उनियाल ने मंडल रेल प्रबंधक को नोटिस भेज कर रेलवे ट्रैक के दोनों ओर सफाई करवाने और कैटरिंग देखने वाले को सख्त हिदायत देने का नोटिस भी दिया था। यह भी उल्लेख किया है कि शताब्दी, जन शताब्दी सहित हरिद्वार से देहरादून जाने और आने वाली रेलगाड़ियों के कैटरिंग वाले सुसवा नदी से मोतीचूर मिलान तक खाद्य पदार्थ फेंकते है, जिसे खाने वन्य जीव आते है। मामले में नोटिस थी दिया गया था लेकिन रेलवे ने लगता है इस नोटिस की परवाह नहीं की। 

 

रेलवे का कचरा बना हाथियों का दुश्मन
हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिज़र्व के रेलवे ट्रैक के सर्वे और सफाई के दौरान बीते दिनों केवल कासरो रेंज के महज 9 किलोमीटर ट्रैक पर करीब 45 बोरी कचरा राजाजी की टीम ने एकत्रित कर नोटिस रेलवे को दिया था। मामले में राजाजी के निदेशक सनातन ने भी रेल अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई थी लेकिन हालात नहीं सुधरे और निदेशक ने खुद माना कि रेलवे की ओर से सुधार के कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

 

रेल की यूनियनों के दबाव में नहीं होती गिरफ्तारी
हरिद्वार: रेलवे की यूनियन काफी मजबूत है। अब जब वन महकमे की ओर से ट्रेन के चालक और को-चालक पर वन्य जीवों की मौत को लेकर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की बात आती है तो ये यूनियन रेल के चालक के पक्ष में खड़ा होकर रेल के संचालन को रोकने की धमकी देते हैं। जिसकी वजह से पूर्व के केस में भी चालकों की गिरफ्तारी नहीं हुई।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!