Edited By Nitika,Updated: 23 Sep, 2018 01:11 PM
उत्तराखंड में मानवता को शर्मसार करता हुआ एक मामला सामने आया है, जहां पर 108 एंबुलेंस सेवा ने प्रसव पीड़ा के दौरान एक गर्भवती महिला को बीच रास्ते में तेल खत्म होने का बहाना बनाकर छोड़ दिया। गनीमत रही कि गर्भवती महिला और नवजात बच्चे की जान बच गई।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड में मानवता को शर्मसार करता हुआ एक मामला सामने आया है, जहां पर 108 एंबुलेंस सेवा ने प्रसव पीड़ा के दौरान एक गर्भवती महिला को बीच रास्ते में तेल खत्म होने का बहाना बनाकर छोड़ दिया। गनीमत रही कि गर्भवती महिला और नवजात बच्चे की जान बच गई।
जानकारी के अनुसार, यह मामला उत्तरकाशी जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर धाती गांव का है, जहां मनीषा नाम की एक गर्भवती महिला को शुक्रवार रात को प्रसव पीड़ा हुई। उनके परिजनों के द्वारा 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया। इसके बाद एंबुलेंस के द्वारा महिला को अस्पताल के लिए रवाना कर दिया गया। इसी बीच रास्ते में एंबुलेंस के कर्मचारी ने गर्भवती महिला को तेल खत्म होने का बहाना बनाकर उतार दिया। एंबुलेंस कर्मचारी की इस शर्मसार हरकत के बाद प्रसव पीड़ा के चलते गर्भवती महिला देर रात दर्द से कराहती रही। इसके बाद महिला के परिजनों के द्वारा दूसरी एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं हो पाई।
बता दें कि गर्भवती महिला के परिजनों के द्वारा लगभग 2-3 घंटों के बाद महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। गनीमत रही कि इस बीच गर्भवती महिला और नवजात बच्चे की जान बच गई और अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी समय पर हो गई। इस घटना से महिला के परिजन 108 सेवा के प्रति काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि अगर इस बीच कोई अनहोनी हो जाती तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता। इस घटना से स्वास्थ्य सेवा पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।