योगीराजः जिन हाथों में होनी चाहिए किताब उसी हाथों से विद्यालय में मजदूरी कर रहे छात्र

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Feb, 2020 12:13 PM

yogiraj the students working in school with the same hands should have the book

‘पढ़ेंगे बच्चे तभी तो बढ़ेंगे बच्चे’ यह वाक्य बिल्कुल सही है। इसीलिए बच्चे पढ़ने विद्यालय जाते हैं जिसे ''शिक्षा का मंदिर'' भी कहा जाता है। मगर उत्तर प्रदेश...

बलियाः ‘पढ़ेंगे बच्चे तभी तो बढ़ेंगे बच्चे’ यह वाक्य बिल्कुल सही है। इसीलिए बच्चे पढ़ने विद्यालय जाते हैं जिसे 'शिक्षा का मंदिर' भी कहा जाता है। मगर उत्तर प्रदेश बलिया के उच्च प्राथमिक विद्यालय का नजारा शर्मसार करने वाला था। जहां पढ़ने के बजाय छात्र ठेला खींचते व मजदूरी करते नजर आए।

बता दें कि मामला बलिया जनपद के गड़वार ब्लॉक के चंवरी उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। जहां छात्र शिक्षक के कहने पर कोटेदार के यहां से  मिड-डे-मिल  का खाद्यान ठेले से ला रहे थे। जहां ईंट से बनी सड़क पर मासूमों को ठेला ले जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और कोटेदार के घर से खाद्यान्न की 5 बोरियों को ठेले पर लादकर इन कंकड़िली सड़कों से होकर विद्यालय तक जाना मासूम बच्चों के लिए कठिनाइयों भरा था।
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शर्मसार कर देने वाले इस कांड पर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य आलोक यादव ने बताया कि विद्यालय के मिड-डे-मील का खाद्यान्न समाप्त हो गया था। ठेला खिंचने वाला नहीं मिला तो बच्चों को कोटेदार के घर भेज दिया। मैं भी कोटेदार के घर गया था और मैं इन मासूम बच्चों के साथ साथ आ रहा हूँ। ऐसी कोई बात नही हैं। हाँ मैन ठेला वाले को बोला था लेकिन वह नहीं आया। इसलिये बच्चों के साथ सहयोगी के रूप में मौजूद था। मजदूरी कर रहे इन इन छात्रों का कहना है कि शिक्षक के कहने पर ऐसा कर रहे हैं।
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वहीं इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। मामले में जांच कर कार्यवाई की जाएगी।

 

 

 

 

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