Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 04:33 PM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शुक्रवार को विधानसभा में अपना बजट पेश करेगी। बजट को पेश करने से 1 दिन पहले ही वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पर साइन कर अपनी मोहर लगा दी है।
लखनऊ(अनिल सैनी): उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शुक्रवार को विधानसभा में अपना बजट पेश करेगी। बजट को पेश करने से 1 दिन पहले ही वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पर साइन कर अपनी मोहर लगा दी है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017-18 को किसान वर्ष घोषित किया था और किसानों को कर्जमाफी जैसी सबसे बड़ी योजना की सौगात दी थी। सरकार 2018-19 को युवा वर्ष घोषित कर सकती है, लेकिन युवाओं को लैपटॉप के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। सरकार ने युवा वर्ष में लैपटॉप की जगह नौकरी को प्राथमिकता देने का मन बना लिया है। इसके अलावा खेती-किसानी, सड़क-बिजली, पानी, एक्सप्रेस-वे व नहरों के विकास जैसे कामों पर दूसरे बजट में फोकस होगा।
बता दें कि योगी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की कर्जमाफी के चुनावी वादे पर अमल के लिए 36 हजार करोड़ की योजना तो लागू कर दी, लेकिन पूरे वर्ष आर्थिक तंगी कायम रही। कर्मचारियों को महंगाई भत्ता के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और 7वें वेतनमान के एरियर का भुगतान ही नहीं किया जा सका। तमाम दावे के बावजूद फील्ड में घोषणाएं तो बहुत हुईं, लेकिन विकास के काम कम ही नजर आए।
सरकार लगातार दूसरे साल हजारों करोड़ की एक योजना लाने का जोखिम नहीं उठा सकती थी। ऐसे में कॉलेज में दाखिला लेने वाले प्रत्येक युवा को लैपटॉप देने के वादे पर अमल किया गया तो चालू वित्त वर्ष जैसे हालात आगे भी जारी रहते। इस योजना पर अमल के लिए एक वित्त वर्ष में करीब 15 हजार करोड़ रुपए चाहिए और एक बार लॉन्च करने के बाद हर साल इसे आगे बढ़ाना मजबूरी होती। ऐसे में सरकार ने फिलहाल इस योजना को टाल दिया है।