Edited By Ruby,Updated: 24 Jul, 2018 01:59 PM
ताजमहल सरंक्षण मामले में अब योगी सरकार कड़ा रुख अख्तियार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 250 पन्नों का विजन डाक्यूमेंट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की...
आगराः ताजमहल संरक्षण मामले में अब योगी सरकार कड़ा रुख अख्तियार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 250 पन्नों का विजन डाक्यूमेंट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की बात की है। इसके साथ ही ताजमहल के आस-पास के इलाके को 'नो प्लास्टिक जोन' घोषित किया जाने के बारे में भी लिखा है।
विजन डाक्यूमेंट में कहा गया है कि अब ताजमहल के नजदीक न तो प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा और न ही बोलतबंद पानी मिलेगा। इसके साथ ही विजन डॉक्यूमेंट में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की भी बात की गई है।
ताजमहल के प्रदूषणकारी उधोग हटेंगे-योगी सरकार
यूपी सरकार ने कहा है कि ताजमहल के प्रदूषणकारी उद्योग हटेंगे और यमुना रिवरफ्रंट के साथ पदयात्रियों के लिए सड़क बनेगी। इससे यातायात घटेगा। इसके साथ ही ताजमहल के आस-पास ऐसा एरिया घोषित किया जाए जिसमें कोई निर्माण कार्य न हो। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 31 जुलाई को सुनवाई करेगा।
पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई
बता दें कि पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को इस तरह का विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश दिया था। उसी निर्देश के क्रम में प्रदेश सरकार ने दिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्कीटेक्चर से इसे तैयार करवाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार पर की तल्ख टिप्पणियां
मेहता की ही याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणियां की थीं। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ताजमहल की सुरक्षा और संरक्षा के लिए फीरोजाबाद, मथुरा, आगरा, हाथरस और एटा को शामिल करते हुए 10400 वर्ग किलोमीटर का जो ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) बना है वहां औद्योगिक गतिविधियां क्यों बढ़ी हैं? ताज की सुरक्षा और संरक्षा के फौरी उपायों से काम नहीं चलने वाला। सरकार इसके स्थायी उपाय करे।