UP मंत्रिमंडल विस्तार पर बोले योगी-यूं तो BJP का हर कार्यकर्ता मंत्री बनने के लायक है, लेकिन...

Edited By Ruby,Updated: 15 Sep, 2018 01:37 PM

yogi on the expansion of up cabinet every worker is fit to be a minister

यूपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर लग रही अटकलों को खारिज करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूं तो भाजपा का हर कार्यकर्ता मंत्री बनने के लायक है, लेकिन जिस दिन जरूरत महसूस होगी उस दिन कैबिनेट का विस्तार कर लिया जाएगा। इसे लेकर अन्य लोगों को चिंता कर

लखनऊः यूपी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर लग रही अटकलों को खारिज करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूं तो भाजपा का हर कार्यकर्ता मंत्री बनने के लायक है, लेकिन जिस दिन जरूरत महसूस होगी उस दिन कैबिनेट का विस्तार कर लिया जाएगा। इसे लेकर अन्य लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

खबरों के मुताबिक सीएम योगी अपने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होने वाले इस पुनर्गठन में अपेक्षा के अनुरूप परफार्मेन्स न देने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो विधानसभा और निकाय चुनाव में अपने काम को बखूबी अंजाम देने वाले प्रदेश स्तर पार्टी पदाधिकारियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। 

सूत्रों के मुताबिक वैसे तो फेरबदल पिछले वर्ष ही होना था, लेकिन कभी सरकार के एक वर्ष पूरा होने तो कभी उपचुनाव तो कभी संगठनात्मक अभियान की वजह से यह टलता रहा। 

इन मंत्रियों को मिल सकता है महत्वपूर्ण विभाग
स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, सुरेश राणा, भूपेंद्र चौधरी का कद बढ़ाया जा सकता है। कानून मंत्री ब्रजेश पाठक को कुछ और महत्वपूर्ण विभाग सौंपने की चर्चा है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की भी जिम्मेदारी बढ़ाई जा सकती है। पर, अभी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी उठा रहे पश्चिम के एक काबीना मंत्री का कद छांटा जा सकता है। अवध और बुंदेलखंड के एक-एक मंत्री का छांटा जाना भी लगभग तय माना जा रहा है। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को कुछ और महत्वपूर्ण विभाग सौंपकर मिशन 2019 के मद्देनजर समीकरणों को दुरुस्त करने की कोशिश की जा सकती है।

जाति के आधार पर मंत्रीमंडल का गणित
वैसे तो मंत्रिमंडल में ब्राह्मण और ठाकुरों के साथ वैश्य, भूमिहार, खत्री और कायस्थ प्रतिनिधित्व आनुपातिक रूप से ठीक है, लेकिन एससी-एसटी एक्ट पर मुखर हुई नाराजगी को देखते हुए ब्राह्मण और क्षत्रियों को महत्व देने का संदेश दिया जा सकता है। अभी मंत्रिमंडल में 8 ठाकुर, 7 ब्राह्मण, 4 वैश्य, 2 भूमिहार, 3 खत्री और 1 कायस्थ शामिल हैं।

सपा-बसपा की वजह से हो सकता है फेरबदल
मंत्रिमंडल में 15 पिछड़े चेहरे शामिल हैं, पर इस एक्ट के चलते और सपा व बसपा के संभावित गठबंधन की काट के लिए कुछ और पिछड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिल सकता है। आगरा जिले से किसी विधायक को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। पश्चिम में कई सीटों पर कश्यप बिरादरी की अच्छी तादाद देखते हुए इस बिरादरी को भी मौका दिया जा सकता है। अति पिछड़ों में मुजफ्फरनगर जिले के विजय कश्यप, बांदा के बृजेश प्रजापति समेत कई नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

बता दें कि योगी मंत्रिमंडल में अभी मुख्यमंत्री सहित 47 सदस्य हैं। प्रदेश में विधायकों की संख्या 403 के आधार पर मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है। इस प्रकार मंत्रिमंडल में अभी 13 लोगों को और शामिल किया जा सकता है।

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