चौथे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले में बोले योगी-ज्ञान और विज्ञान है भारत की पहचान

Edited By Ruby,Updated: 07 Oct, 2018 11:33 AM

yogi knowledge and science spoken in the 4th india international

ज्ञान और विज्ञान को भारत की पहचान बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्राचीन धार्मिक ग्रंथ यह दर्शाते है कि यहां के वैज्ञानिकों ने जन कल्याण के लिए विज्ञान को अनुसंधान का माध्यम बनाया।  चौथे भारत अंतर्राष्ट्रीय...

लखनऊः ज्ञान और विज्ञान को भारत की पहचान बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्राचीन धार्मिक ग्रंथ यह दर्शाते है कि यहां के वैज्ञानिकों ने जन कल्याण के लिए विज्ञान को अनुसंधान का माध्यम बनाया।  

चौथे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले के औपचारिक उद्घाटन के मौके पर योगी ने कहा कि भारत सदियों से परंपरागत ज्ञान और विज्ञान का केन्द्र रहा है। पौराणिक ग्रंथ ऋगवेद में इसका उल्लेख मिलता है। नालंदा विश्वविद्यालय, और तक्षशिला जैसे अध्य्यन केन्द्र ज्ञान के प्रति भारत के दृष्टिकोण के परिचायक हैं।  

उन्होंने कहा कि देश में हर शुभ कार्य में तुलसी का उपयोग किया जाता है। तुलसी यहां के हर घर के आंगन की शोभा है। तुलसी धैर्य और शांति की प्रतीक मानी जाती है मगर इसका एक वैज्ञानिक पहलू भी है। तुलसी ही एकमात्र यह पौधा है जिसके सेवन मात्र से जटिल से जटिल बीमारी का निदान संभव है।  मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई ?कि देश परंपरागत ज्ञान के माध्यम से विज्ञान की ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा और विश्व शांति के मार्ग को प्रशस्त करेगा। 

उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान को प्राचीन काल से देश और दुनिया के कल्याण का माध्यम बनाया था। दुनिया के अंदर भारत की पहचान अपने ज्ञान विज्ञान के कारण है। उसका आदर पारंपरिक ज्ञान के कारण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह मेला मानवता कल्याण और भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में योगदान देगा। 


 

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