Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 01 Dec, 2019 02:09 PM
उत्तर प्रदेश के पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि मछली पालन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद के तहत ऊसर और बंजर जमीन का उपयोग मछली पालन के लिये किया जायेगा...
मथुराः उत्तर प्रदेश के पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि मछली पालन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद के तहत ऊसर और बंजर जमीन का उपयोग मछली पालन के लिये किया जायेगा।
चौधरी ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि मथुरा जिले के बाद गांव के पास ऊसर और बंजर जमीन में बने तालाब के खारे पानी में झींगा मछली बहुत बड़ी संख्या में पैदा की जा सकती है।इससे जहां किसान की ऊसर और बंजर जमीन का सही उपयोग हो सकेगा वहीं मछलियों की उत्तम जाति के लिए मशहूर झींगा मछली का अधिक उत्पादन किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि विश्व की सर्वोत्तम मछलियों में शुमार झींगा मछली की बांगला देश मे बहुत अधिक मांग है। वैज्ञानिकों ने इससे उत्साहित होकर मथुरा जिले के खायरा गांव के 100 एकड़ क्षेत्र में झींगा मछली का उत्पादन जल्दी ही शुरू करने का निश्चय किया है। आगामी फरवरी मास से पूरे प्रदेश में मछलीपालन का अभियान शुरू किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि मत्स्यपालन की दिशा में प्रदेश सरकार लखनऊ में जापान के साथ मत्स्यपालन का एक बहुत बड़ा मॉडल फार्म बनाने जा रही है। सरकार की अगली योजना नदियों के तट को मत्स्यपालन के लिए उपयोग करने की है । इसके तहत प्रदेश की नदियों के किनारे तालाब खोदे जाएंगे जो नदी में बाढ़ आने पर स्वत: भर जाएंगे तथा जिनका प्रयोग मछलीपालन में किया जाएगा। इससे क्षेत्र का जलस्तर भी ऊंचा उठेगा।
उन्होंने कहा कि मछली पालन से किसान की आय आसानी से बढ़ सकती है क्योंकि मछलीपालन में एक व्यक्ति एक साल में 8 लाख रूपए तक कमा सकता है तथा यदि इसमें से तीन लाख खर्च के लिए निकाल भी दिया जाए तो भी उसे पांच लाख की बचत होगी।