नए साल में गरीबों को 7.5 लाख PM आवास देने की तैयारी में योगी सरकार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Dec, 2020 03:19 PM

yogi government preparing to give 7 5 lakh pm housing to

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए साल पर सबसे वंचित वर्ग के लिए बड़ी पहल करने जा रही है। सरकार की योजना के तहत गरीब वर्ग को एक साथ 7.5 लाख पीएम (प्रधानमंत्री) आवास योजना देने की है। इस बाबत होने वाले वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए साल पर सबसे वंचित वर्ग के लिए बड़ी पहल करने जा रही है। सरकार की योजना के तहत गरीब वर्ग को एक साथ 7.5 लाख पीएम (प्रधानमंत्री) आवास योजना देने की है। इस बाबत होने वाले वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रह सकते हैं।

मालूम हो कि प्रधानमंत्री आवास देने के मामले में यूपी नंबर एक पर है। अब तक पूरे देश में इस योजना के तहत उपलब्ध कराए गए करीब 2 करोड़ आवासों के लाभार्थी परिवारों में से 30 लाख परिवार उप्र के ही हैं। मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि एक अदद अपना घर हर व्यक्ति का मूल अधिकार है। हर पात्र को इसे उपलब्ध कराना किसी सरकार के फर्ज के साथ पुण्य का भी काम है। अपनी इसी सोच के क्रम में पीएम आवास योजना से छूटे हुए पात्रों के लिए दो साल पहले मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) शुरू की थी।

इस योजना के तहत अब तक 50,740 आवास आवंटित किए जा चुके हैं। 21,562 मुख्यमंत्री आवासों के निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में 87 करोड़ रुपए का हस्तांतरण लाभार्थियों के खाते में किया जा चुका है। इन आवासों के बनने के बाद इनकी संख्या 72,302 हो जाएगी। पीएम और सीएम आवासों के आवंटन का नतीजा यह रहा कि योगी के सीएम बनने के पहले गोरखपुर, महराजगंज और अन्य कुछ जिलों के घने जंगलों में रहने वाले जो वनटांगिया आजाद भारत के नागरिक तक नहीं थे, आज उन सबके पास इन योजनाओं के तहत न केवल अपना घर है, बल्कि सरकार की जनहित की सभी योजनाओं (राशन कार्ड, रसोई गैस, बिजली, आयुष्मान भारत आदि) से भी संतृप्त किए जा चुके हैं। सरकार चाहती है कि इसी तरह हर मुसहर परिवार, कुष्ठ रोगी, इंसेफेलाइटिस, कालाजार और दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के हर पात्र को पीएम या सीएम आवास मिले। साथ ही उनको जनहित की सभी योजनाओं से भी संतृप्त किया जाए।

पात्रता के बावजूद पीएम आवास योजना से वंचित परिवारों को एक अदद पक्का घर मुहैया कराने के लिए फरवरी, 2018 में यह योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत नक्सल प्रभावित सोनभद्र, चन्दौली और मिर्जापुर में प्रति आवास 1.30 लाख एवं बाकी जिलों में 1.20 लाख लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाती है। इसके अलावा शौचालय निर्माण के लिए 12,000 स्वच्छ भारत मिशन-मनरेगा से दी जाती है। मनरेगा से ही प्रति आवास लाभार्थी को 90 से 95 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थी द्वारा स्वयं 25 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में आवास निर्माण कराना होता है। लाभार्थी के खाते में तीन किश्तों में क्रमश: 40 हजार, 70 हजार और 10 हजार रुपए भेजी जाती है।

वर्ष 2018-19 में 16,700 एवं वर्ष 2019-20 में 34,040 (कुल 50,740) पात्र आवास-परिवारों को इस योजना से संतृप्त किया जा चुका है। सरकार ने इस योजना में अब तक 630.60 करोड़ खर्च किए हैं। योजना के तहत अब तक मुसहर वर्ग को 28,295, वनटांगियां वर्ग को 4,602, कालाजार से प्रभावित परिवारों को 155, जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित परिवारों को 266, ए.ई.एस. से प्रभावित परिवारों को 272, प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 15,035 परिवारों और कुष्ठ रोग से प्रभावित 2,115 परिवारों को आवास आवंटित किए जा चुके हैं। इसके अलावा सामान्य श्रेणी के 16 981, अनुसूचित जाति के 33,500 एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों 259 आवास आवंटित किए जा चुके हैं।

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