आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की तैयारी में योगी सरकार

Edited By Umakant yadav,Updated: 11 Sep, 2020 11:05 AM

yogi government in readiness to ban contesting for 6 years abdullah azam

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर कड़ा रूख अपनाने जा रही है। सरकार अब्‍दुल्‍ला को 72 महीनों तक चुनाव लड़ने से डिबार करने की योजना बना रही है।

लखनऊ: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर कड़ा रूख अपनाने जा रही है। सरकार अब्‍दुल्‍ला को 72 महीनों तक चुनाव लड़ने से डिबार करने की योजना बना रही है। जिससे अब्दुल्ला आजम अगले 6 सालों तक चुनाव ही नहीं लड़ पायेंगे। विधानसभा सचिवालय और शासन में इसकी तैयारी तेज हो गई है।

योगी सरकार ने क्यों उठाया कदम?
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सपा के बैनर तले स्वार सीट से चुनाव जीतने वाले अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था, तभी से सरकार अब्दुल्ला आजम के पीछे पड़ गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काफी पहले ही इसके लिए चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजी गयी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने यह कहते हुए उसे वापस भेज दिया कि इसका फैसला उसके कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। लिहाजा राज्य सरकार ने अपने स्तर पर ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

न्याय विभाग पूरे मामले का कर रहा अध्ययन
प्रदेश सरकार ने इस मामले पर विधिक सलाह लेने के लिए न्याय विभाग को फाइल भेज दी है। सूत्रों ने बताया कि न्याय विभाग इस पूरे मामले का अध्ययन कर रहा है। सरकार की मंशा है कि इस मामले को लेकर कोई कानूनी मुश्किल सामने न खड़ी हो। सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। यानि कोई ये अंगुली न उठा सके कि नियमों की अनदेखी की गई है। वहीं इस मामले में प्रमुख सचिव (न्याय) जेपी सिंह ने बताया कि उनके दफ्तर में ऐसी कोई फाइल अभी तक नहीं आई है।

आकाश सक्सेना ने पहले ही विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर कर चुके हैं मांग
गौरतलब है कि रामपुर के आकाश सक्सेना ने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर अब्दुल्ला आजम के 6 साल के लिए चुनाव से डिबार करने की मांग पहले ही कर चुके हैं। उनकी चिट्ठी को आगे बढ़ाये जाने का जवाबी पत्र आकाश सक्सेना को भेजा भी गया था। आकाश सक्सेना ने इसकी पुष्टि की है। आकाश वहीं शख्स हैं जो आजम खान के खिलाफ कानूनी जंग लड़ रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके एसवाई कुरैशी ने बताया कि 3 कारणों से कोई जनप्रतिनिधि अपनी उम्मीदवारी गंवा सकता है या फिर उसे चुनाव से डिबार किया जा सकता है।

  • जो जनप्रतिनिधि ऑफिस ऑफ प्राफिट में आता हो।
  • किसी मामले में सजा हुई हो तो उसे 6 साल के लिए डिबार किया जा सकता है।
  • आपराधिक मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होने पर 6 साल के लिए चुनाव से डिबार कर दिया जाता है। तय समय सीमा के भीतर चुनावी खर्चे का ब्यौरा न दिया हो तो उसे 3 साल के लिए डिबार किया जा सकता है

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