CM योगी ने दिए जेई और AES बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण के निर्देश

Edited By Deepika Rajput,Updated: 23 Jun, 2018 10:10 AM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर और बस्ती मंडल के जिलों में जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समय से पूरी तैयारी किए जाने के निर्देश दिए हैं।

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर और बस्ती मंडल के जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समय से पूरी तैयारी किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंत्रिगण व अधिकारियों को रोग प्रभावित जिलों का दौरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि वे स्वयं भी जुलाई माह में निरीक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जुलाई माह में इन रोगों के विरुद्ध जागरूकता और प्रचार-प्रसार का विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने इंसेफेलाइटिस से प्रभावित जिलों विशेषकर गोरखपुर तथा बस्ती मंडलों के जिलों की पीएचसी, सीएचसी और जिला चिकित्सालयों में पीड्रियाट्रिशियन, नर्सेज तथा पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इन रोगों के नियंत्रण में शिथिलता और लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।  

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सीएम योगी शुक्रवार शाम शास्त्री भवन में जेई एवं एईएस की रोकथाम और नियंत्रण के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संबंधित विभागों से इन रोगों के नियंत्रण तथा रोकथाम के संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। साथ ही उन्होंने नगर विकास, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक तथा माध्यमिक शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पशुधन विभाग को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर एईएस एवं जेई की रोकथाम व नियंत्रण की कार्रवाई में और तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन रोगों के उपचार और नियंत्रण के संबंध में ट्रेनिंग का विशेष प्रोग्राम चलाया जाए। बस्ती तथा गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जाए। पीआईसीयू, एनआईसीयू पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं को इन रोगों के संबंध में जागरूक किया जाए तथा उनके पोषण की भी व्यवस्था की जाए। शिक्षकों को इनके संबंध में प्रशिक्षित किया जाए।  

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य नीति-2018 का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य नीति व्यापक जनहित में होनी चाहिए। उन्होंने इस नीति में सुधार के लिए कुछ जरूरी सुझावों तथा संशोधनों को बताया।  

 

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