Edited By Ajay kumar,Updated: 20 May, 2019 01:55 PM
क्या पेड़ पौधों को भी दर्द होता है? क्या उन्हें भी इंसान की तरह इलाज की जरूरत होती है? क्या पेड़ पौधों की टहनियां टूटने पर उन्हें भी मरहम पट्टी चाहिए।
बागपत: क्या पेड़ पौधों को भी दर्द होता है? क्या उन्हें भी इंसान की तरह इलाज की जरूरत होती है? क्या पेड़ पौधों की टहनियां टूटने पर उन्हें भी मरहम पट्टी चाहिए। अगर आपकी नजर में इन सवालों का जवाब ना है तो आप गलत हैं क्योंकि पेड़ पौधे समय पर इलाज ना मिलने की वजह से सूख जाते हैं। अब पेड़ पौधों का इलाज भी होगा और इनका इलाज करने के लिए भी एम्ब्युलेंस आएगी। जी हां यूपी के बागपत में इस अनोखी मुहिम की शुरुआत हो गई। बस आपको फोन मिलाना है और एम्बुलेंस पहुंच जाएगी।
इस एम्बुलेंस को नाम "हरित एम्बुलेंस" ..दिया गया है। बागपत के बड़ौत में इस मुहिम के लिये हरित एम्बुलेंस की शुरुआत की गई है। हरित प्राण ट्रस्ट ने इस नई मुहिम को शुरू किया है और बड़ौत में पर्यावरणविद् एवमं प्रदेश मंत्री देवेंद्र चौधरी ने इसका लोकार्पण किया है।
पेड़-पौधों के बिना जीवन असम्भव-डॉ. दिनेश बंसल
डॉ. दिनेश बंसल का कहना है कि पेड़-पौधे जीवन देने वाले होते हैं। पेड़-पौधों के बिना जीवन असम्भव है और जब स्वम् पेड़ पौधों के ऊपर संकट आता है तो राष्ट्र के और पौधों के लिए क्या कोई विकल्प है। यही सोचते हुए हरित प्राण ट्रस्ट ने आज हरित एम्बुलेन्स की शुरुआत की है।
काबिले तारीफ है ये मुहिम-डॉ.अनुराग मित्तल
इंसानों, जानवरों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था काफी पहले से है, लेकिन पौधों के दर्द को समझने और उन्हें पर्यावरण की देखभाल में लगे इस प्रहरियों की देखभाल के लिए जो मुहिम शुरू की गई है वो काबिले तारीफ है। शायद इस मुहिम से लोगों को इन पौधों के दर्द को समझने में अब आसानी हो जाए।