Edited By Deepika Rajput,Updated: 19 Dec, 2018 01:14 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हंगामे के बीच 85000054 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट में 5 हजार, 18 करोड़ रुपये केंद्र सरकार का हिस्सा है तो वहीं 3 हजार,...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हंगामे के बीच 85000054 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट में 5 हजार, 18 करोड़ रुपये केंद्र सरकार तो वहीं 3 हजार, 35 करोड़, 96 लाख राज्य सरकार का हिस्सा है। अनुपूरक अनुदानों की मांगों को प्रस्तुत करने के बाद सदन की बैठक 20 दिसंबर पूर्वाह्न 11:00 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
विधानपरिषद की बैठक 11 बजे शुरु होते ही समाजवादी पार्टी के सदस्य बैनर-पोस्टर लहराते हुए वेल में आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। वहीं कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर बैनर-पोस्टर लहराते हुए सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। कांग्रेस के दीपक सिंह कानून-व्यवस्था, किसानों की समस्याओं के साथ राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते नजर आए। इस बीच सभापति रमेश यादव ने सदन की कार्यवाही 11:03 बजे 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद सपा के सभी सदस्य वेल में धरने पर बैठे रहे और सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। उसी दौरान 11:23 बजे डिप्टी मार्शल ने सभापति द्वारा सदन के स्थगन का समय 12:00 बजे तक बढ़ाए जाने की सदन को सूचना दी और बाद में स्थगन का समय पुन: 20 मिनट बढ़ा दिया गया।
परिषद की बैठक जैसे ही 12:20 बजे शुरु हुई तो विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच नेता सदन दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2018-2019 के द्वितीय अनुपूरक अनुदानों की मांगों को प्रस्तुत किया। उसके बाद विधान परिषद के विशेष सचिव देवेन्द्र गुप्ता ने वर्ष 2018 के 12 अधिनियमों से सदन को अवगत कराया। कार्य सूची की अन्य मदों को राज्यमंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने सदन की मेज पर रखा। 7 याचिकाएं याचिका समिति को निर्दिष्ट की गई। सभापति रमेश यादव ने समस्त सूचनाओं को अपने कार्यालय से निष्पादित करने के निर्देश दिए और सदन की बैठक गुरुवार 20 दिसंबर पूर्वाह्न 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।