Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Dec, 2019 11:20 AM
उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपाती ठंड दिन-ब-दिन अपना रिकॉर्ड तोड़ती जा रही है। सर्दी का सितम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ठंड ने UP में कहर ढाया जिसमें 30 लोगों...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपाती ठंड दिन-ब-दिन अपना रिकॉर्ड तोड़ती जा रही है। सर्दी का सितम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ठंड ने UP में कहर ढाया जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई, वहीं बिजनौर सबसे ठंडा रहा। यहां का न्यूनतम पारा 3 डिग्री जबकि अधिकतम 11 डिग्री सेल्सियस रहा।
बता दें कि वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट से चार उड़ानों को व कानपुर में सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ी। वहीं प्रदेश से चलने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे में छह वाहन भिड़ गए।
1997 में दिसंबर के महीने में चली थी इतनी लंबी शीतलहर
गलन भरी ठंड से गोरखपुर, मेरठ, फतेहगढ़ और आगरा (ताज) में न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। शीतलहरी की चपेट में आये प्रदेश में कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट सामान्य से दो से सात डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुई। पिछले तीन दिनों में 38 लोगों की मौत हो गई है।अकेले कानपुर में 14 लोगों ने इस वजह से जान गंवाई है। हालांकि राज्य सरकार ने इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। राजधानी लखनऊ में सुबह का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक इससे पहले 1997 में दिसंबर के महीने इतनी लंबी शीतलहर चली थी।
मौसम विभाग ने दी चेतावनी
प्रदेश में बहराइच 3.6 डिग्री और बस्ती 4.5 डिग्री के साथ सबसे ठंडे स्थान रहे। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अधिकतम इलाके दिन भर 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान में कांपते रहे। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान जबरदस्त गलन भरी ठंड, शीतलहरी और कई स्थानों पर घने कोहरा होने की चेतावनी जारी की है।
कानपुर में गई सबसे ज्यादा जानें
बुंदेलखंड समेत मध्य यूपी में बुधवार को ठंड से 25 लोगों की मौत हो गई। कानपुर में सबसे ज्यादा 15 लोगों की जान गई है। बांदा में 3, चित्रकूट और महोबा में 2-2 जबकि जालौन, कन्नौज और कानपुर देहात में 1-1 की जान चली गई। यही नहीं कानपुर में बुधवार सीजन का सबसे सर्द दिन रहा। 4.6 डिग्री सेल्सियस पर आया तापमान, अब तक सबसे न्यूनतम पर रहा
इन फसलों के नुकसान की आशंका
टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन, भिंडी आदि सब्जियों, पपीता, आम, केला के पौधों, मटर, चना, अलसी, जीरा, धनिया, सौंफ आदि फसलों में 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता। आलू, अरहर, चना, सरसों, गेहूं, जौ आदि फसलों में भी नुकसान की आशंका है।