अपने लाल अभिनव को अंतिम विदाई देने में सिसक पड़ा पूरा गांव, गुंज रहा था आ जाओ...आ जाओ

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 May, 2021 03:57 PM

whole village cry to pay their last farewell to son abhinav

इंसान को कुछ तड़प, दर्द ऐसी मिल जाती है जिसकी भरपाई कभी संभव नहीं हो सकता। कुछ ऐसा ही दर्द मिला है देश को जब विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले...

बागपत/मेरठः इंसान को कुछ तड़प, दर्द ऐसी मिल जाती है जिसकी भरपाई कभी संभव नहीं हो सकता। कुछ ऐसा ही दर्द मिला है देश को... जब पंजाब के मोगा में विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले पायलट अभिनव चौधरी का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए बागपत लाया गया। उस दर्द को भला कौन समेट सकता है। जब पूरा गांव चित्कार उठा। 

बता दें कि अभिनव का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह हिंडन एयरबेस स्टेशन से मेरठ स्थित गंगासागर में उनके आवास पर पहुंचा। मेरठ में अंतिम दर्शन के बाद पार्थिव शरीर को बागपत में पायलट के पैतृक गांव पुसार के लिए ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वायुसेना के अधिकारी पार्थिव शरीर को लेकर आए। पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए विशेष वाहन से उतारा गया जिसे देखकर परिवार के सदस्यों की आंखे भर आईं और बहन का रो-रोकर बुरा हाल था। अभिनव चौधरी के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन में लाया गया और उसी वाहन से गांव की ओर रवाना हुए।

बता दें कि पिता सत्येंद्र चौधरी को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दूसरी गाड़ी में लाने की तैयारी थी, लेकिन पिता ने वायुसेना अधिकारियों से कहा कि वह बेटे के साथ ही जाएंगे। अभिनव के पिता सत्येंद्र चौधरी, पत्नी सोनिका उज्ज्वल, छोटी बहन मुद्रिका और सोनिका की छोटी बहन मोनिका सेना के वाहन के साथ ही मेरठ से बागपत के लिए रवाना हुए। शुक्रवार तड़के बेटे की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया था।

पिता ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब चार बजे एक अधिकारी का फोन आया था। उन्होंने ही बेटे की मौत की सूचना दी। पायलट के पिता ने आरोप लगाया कि वायुसेना के कर्मी पुराने जहाज उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा यह सैनिकों की जिंदगी का सवाल है। इससे पहले भी कई जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने हाथ जोड़कर सरकार से अपील की है कि देश में मिग-21 विमानों को तुरंत बंद कर देना चाहिए। उन्होंने रोते हुए कहा कि उनका बेटा तो चला गया लेकिन आगे किसी का बेटा न जाए इसलिए सरकार को इन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए।

आगे बता दें कि अभिनव ने अपनी शादी में दहेज प्रथा के खिलाफ जाकर रस्म के तहत सिर्फ एक रुपया लिया था। इस पर पूरे देश में उनकी खूब सराहना हुई थी। अनिभव काफी होनहार थे और 2014 में वह सेवा में शामिल हुए थे। अभिनव चौधरी वायुसेना में लड़ाकू विमान मिग-21 के पायलट थे। वह इस समय वायुसेना के पठानकोट अड्डे में तैनात थे।

वहीं लाल का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवार में जहां रोना शुरू हुआ वही बाहर भी खड़े लोगों का दिल जोर-जोर से धड़का और आंसुओं के सैलाब आंखों से बह चलें। वायु सेना की टीम ने परिवार के साथ ही करीबी रिश्तेदारों व अन्य लोगों को भी घर में अंतिम दर्शन कराया। अंतिम दर्शन के दौरान शहीद अभिनव के कुछ स्वजनों की तबीयत भी बिगड़ गई।

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