Edited By Ajay kumar,Updated: 01 Apr, 2020 03:22 PM
देश कोरोना जैसी घातक महामारी से जूझ रहा है जिसको लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन से गरीब, मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट मढ़राने लगा तो वे अपने-अपने घरों को पलायन करने को मजबूर...
अलीगढ़: देश कोरोना जैसी घातक महामारी से जूझ रहा है जिसको लेकर 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन से गरीब, मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट मढ़राने लगा तो वे अपने-अपने घरों को पलायन करने को मजबूर हो गए। जिसका आलम ऐ रहा कि परिजनों ने उन्हें घर में घुंसने से मना कर दिया। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ से सामने आया है। जहां दिल्ली में मजदूरी करने गया युवक मंगलवार को जब अपने घर पहुंचा तो परिजन उसे देखकर घर से भाग गए। जिसके बाद प्रधान ने इसकी सूचना एसडीएम को दी। वहीं अब बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचकर युवक की जांच करेगी।
बता दें कि कस्बा दादों निवासी रिंकू पुत्र कांति प्रसाद दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था। लॉकडाउन की वजह से तीन दिन पहले वह गांव आ गया। उसको गांव में आता देख परिवार के लोग मकान में ताला लगाकर घर से भाग गए। रिंकू मकान का ताला तोड़कर घर में पहुंच गया, लेकिन परिजन घर से बाहर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि युवक सर्दी और जुकाम से पीड़ित है।
प्रधानपति कल्लू खां का कहना है कि उन्होंने एसओ, एसडीएम और छर्रा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर को फोन से इसकी सूचना दी है। 108 पर भी सूचना दी गई लेकिन वहां से भी कोई एंबुलेंस या टीम अभी तक गांव नहीं पहुंची।
मां-बाप ने बेटे को घर से लौटाया
वहीं इससे पहले मुंबई में शटडाउन के बाद एक युवक किसी तरह आखिरी ट्रेन पकड़कर घर पहुंचा तो मां-बाप ने उसे गेट पर ही रोक दिया और कहा कि पहले अस्पताल जाओ। कोरोना की जांच कराकर आओ। बेटा सफाई देता रहा कि उसे कोरोना नहीं हुआ है। लेकिन उसके माता-पिता ने जांच के लिए लौटा दिया। इसके बाद बेटे ने सिद्धार्थनगर जिला अस्पताल में जांच कराई और कोरोना का लक्षण न मिलने पर घर लौटा।