Edited By Deepika Rajput,Updated: 27 Jan, 2019 02:03 PM
देश की राजनीति में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। यहां कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। राजनीतिक फायदे के लिए मतभेद भुलाकर विरोधी दल कब साथ आ जाए कोई नहीं कह सकता। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश की राजनीति में देखने को मिल रहा है।
लखनऊः देश की राजनीति में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। यहां कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। राजनीतिक फायदे के लिए मतभेद भुलाकर विरोधी दल कब साथ आ जाए कोई नहीं कह सकता। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश की राजनीति में देखने को मिला है। दरअसल, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में दशकों की दुश्मनी महीनों में खत्म हो गई। मोदी लहर को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और बसपा का गठबंधन हो गया है।
मायावती ने गेस्टहाउस कांड को भुलाकर देशहित में फैसला लेने की बात कही, वहीं अखिलेश ने भतीजा होने के नाते ‘झुककर’ भविष्य देखना ज्यादा बेहतर समझा। अब मायावती भी अखिलेश की पहचान भतीजे के तौर पर स्वीकार चुकी हैं, लेकिन बीते दिनों एक ऐसा वाकया सामने आया, जब मायावती अखिलेश को पहचानने में असमर्थ रही थीं। इस बात का खुलासा मायावती के बॉडीगार्ड रहे पदम सिंह ने किया है।
उन्होंने बताया कि साल 2002 में मायावती दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट के बिजनेस क्लास में बैठी थीं। इस दौरान अखिलेश यादव पत्नी डिंपल के साथ फ्लाइट में आ गए। मायावती को देख अखिलेश ने उनको नमस्ते की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि वह उन्हें पहचानती नहीं थीं।
पदम सिंह ने बताया कि, ‘बहन जी ने दिल्ली में दोनों के बारे में पूछा। मुझे गेस्टहाउस कांड याद था इसलिए मैंने कह दिया कि वो मुलायम सिंह के बेटा और बहू थे। इतना सुनते ही वह नाराज हो गई। उन्होंने कहा कि तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? उन्होंने मुझे नमस्ते की और मैंने जवाब नहीं दिया। मुझे जवाब देना चाहिए था।