Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Jul, 2018 02:22 PM
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के दिए हुए बयान पर उलेमाओं पलटवार किया है। वसीम ने कहा था कि शरई अदालतों की स्थापना संविधान के खिलाफ है। हमारा देश संविधान से चलता है न कि शरीयत के कानून के हिसाब से। उनके इस बयान पर उलेमाओं ने नराजगी जताई है...
सहारनपुरः शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के दिए हुए बयान पर उलेमाओं पलटवार किया है। वसीम ने कहा था कि शरई अदालतों की स्थापना संविधान के खिलाफ है। हमारा देश संविधान से चलता है न कि शरीयत के कानून के हिसाब से। उनके इस बयान पर उलेमाओं ने नराजगी जताई है।
मदरसा जामिया फातिमातुज्जोहरा एंग्लो अरबिक के मौलाना लुत्फुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि अपने आकाओं को खुश करने और मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए बेतुके बयान देना रिजवी की आदत बन गई है। शरीयत के मामले में रिजवी की जानकारी शून्य है।
मजलिस इत्तेहाद-ए-मिल्लत के प्रदेशाध्यक्ष मुफ्ती अहमद गौड ने कहा कि वसीम रिजवी किसी न किसी मामले को लेकर आये दिन टीका टिप्पणी करते रहते हैं। चाहे वो उनके अधिकार क्षेत्र में आता हो या नहीं।