Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Dec, 2019 07:38 PM
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा में अब तक अलग अलग जिलों में 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 263 पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने शनिवार को यहां पत्रकारों को बताया...
लखनऊः नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा में अब तक अलग अलग जिलों में 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 263 पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने शनिवार को यहां पत्रकारों को बताया कि सीएए के विरोध में हुये प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मेरठ में सबसे अधिक चार लोगों की मृत्यु हुयी है जबकि फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो दो लोग हिंसा के कारण अपनी जान गंवा बैठे।
इसके अलावा वाराणसी, लखनऊ,संभल और वाराणसी में एक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। उन्होने बताया कि हिंसा में बाहरी तत्वों के शामिल होने के सबूत मिले हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन कर रही भीड़ में शामिल शरारती तत्वों ने हिंसा को हवा दी। मामले की जांच की जा रही है जिसमें दोषी पाये गये किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और मामला दर्ज कर उनको दंडित करने के साथ सरकारी संपत्ति को हुयी नुकसान की भरपाई की जायेगी।
कुमार ने बताया कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों द्वारा किये गये पथराव और गोलीबारी में पुलिस अधीक्षक समेत 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 खोखे बरामद किये हैं। उन्होने बताया कि हिंसा के मामलों में सूबे के अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर 13,101 आपत्तिजनक पोस्ट पर कारर्वाई की गई है जिनमें 63 एफआईआर दर्ज कर 102 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा 442 पाबंद किये गए हैं।