Edited By Ramkesh,Updated: 23 Aug, 2020 08:14 PM
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के एक हजार से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सरकार का कहना है कि सैलाब की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और कहीं भी चिंताजनक हालात नहीं हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 16 जिलों के एक हजार से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। सरकार का कहना है कि सैलाब की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और कहीं भी चिंताजनक हालात नहीं हैं। राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने रविवार को बताया कि इस समय प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर और सीतापुर के 1090 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी नदियों के तटबंध सुरक्षित हैं।
बाढ़ के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। गोयल ने बताया कि शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुरखीरी) में, राप्ती नदी श्रावस्ती में, सरयू नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या तथा तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 370 शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के लिये एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ और पीएसी की सात टीमें तैनाती की गयी हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में 1033 नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदूषित जलजनित तथा मक्खी, मच्छरजनित रोगों की रोकथाम के लिये जरूरी कार्यवाही की जाए। इस बीच, जालौन से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक माताटीला राजघाट बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जिले की सीमा में बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। एक दिन में जलस्तर पांच मीटर बढ़ने से जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर यमुना नदी का जलस्तर कालपी में भी बढ़ना शुरू हो गया है।