Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Aug, 2021 05:01 PM
वाराणसी में सामाजिक कुरीतियों को एक तरफ रखकर दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया। जिसके बाद श्मशान घाट पहुंचकर मुखाग्नि दी। इतना ही नहीं बेटियों ने पिता का नेत्रदान भी कराय...
वाराणसी: वाराणसी में सामाजिक कुरीतियों को एक तरफ रखकर दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया। जिसके बाद श्मशान घाट पहुंचकर मुखाग्नि दी। इतना ही नहीं बेटियों ने पिता का नेत्रदान भी कराया।
बता दें कि चौबेपुर के बरियासनपुर गांव के हरिचरण पटेल (80) का शनिवार की रात निधन हो गया था। उनके इकलौते पुत्र भागीरथी पटेल ने इसकी सूचना अपनी बहन प्रेमा देवी व हीरामनी देवी को दी। दोनों बहनें ससुराल से मायके आईं। दोनों बेटियों ने अर्थी को श्मशान पहुंचाने और मुखाग्नि देने का प्रस्ताव रखा। इस पर भाई ने अपने समाज के लोगों से अनुमति मांगी। जिसके बाद अनुमति मिलने पर दोनों बेटियों ने परिवार की सुधा, मंशा, लल्लीच महदेई, रेखा आदि की मदद से पिता के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाया और पांच किलोमीटर की दूरी तय कर सभी सरायमोहाना में गंगा किनारे श्मशान घाट पहुंचे। दोनों बहनों ने चिता सजाई और मुखाग्नि दी।
इतना ही नहीं अंतिम संस्कार से पहले दोनों ने पिता के नेत्र दान करने के संकल्प की जानकारी परिवारजन को दी। वाराणसी आई बैंक सोसायटी को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर डॉ. अजय मौर्या की टीम ने कुशलता पूर्वक दान किए दोनों नेत्र निकाले।