वाजपेयी ने शायराना अंदाज में कहा था ‘थका हूं पर रिटायर नहीं हुआ’

Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Aug, 2018 01:36 PM

vajpayee said in the shirena style i am tired but have not retired

देश के विकास को लेकर अटूट इरादे, राजनीतिक दूरदर्शिता, हाजिर जवाबी और मीडिया के प्रति दोस्ताना रवैया रखने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ में 2004 के आम चुनाव के दौरान कहा था कि थका हूं मगर रिटायर नहीं हुआ।

लखनऊ: देश के विकास को लेकर अटूट इरादे, राजनीतिक दूरदर्शिता, हाजिर जवाबी और मीडिया के प्रति दोस्ताना रवैया रखने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ में 2004 के आम चुनाव के दौरान कहा था कि थका हूं मगर रिटायर नहीं हुआ। दरअसल, 2004 के आमचुनाव के दौरान अटल और आडवाणी खेमे के बीच नेतृत्व को लेकर शीतयुद्ध जारी था। पार्टी का स्लोगन था ‘विजयपथ की ओर आडवाणी के नेतृत्व में।’

PunjabKesariइस बीच एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के इस बारे में बार-बार कुरेदे जाने पर वाजपेयी ने शायराना अंदाज में कहा था ‘थका हूं पर रिटायर नहीं हुआ।’ इन 2 पंक्तियों से संघ और समूची भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में खडी हो गई थी। लखनऊ से 5 बार सांसद रहे वाजपेयी के शालीन व्यवहार की नवाब नगरी कायज थी। वर्ष 1998 में बालीवुड के जानेमाने चेहरे मुजफ्फर अली वाजपेयी के खिलाफ चुनाव में खड़े थे। बक्शी का तालाब क्षेत्र में दोनों का काफिला आमने सामने था और दोनों के समर्थक पहले निकलने की जल्दी में थे।

PunjabKesariइस बीच अटल अपनी कार से नीचे उतरे और कहा कि मुजफ्फर तुम पहले जाओ क्योंकि तुम पहले यहां पहुंचे थे। उन्होने मुजफ्फर अली के कारवां के निकलने तक इंतजार किया। इसी तरह की एक अन्य घटना में विधानसभा चुनाव के दौरान वाजपेयी सांसद के तौर पर चुनाव प्रचार में थे। इस बीच खबर आई कि भाजपा 2 विधानसभा सीटें खो रही है। उन्होंने एक जनसभा में लोगों ने कहा कि तुम अपना कुर्ता हमें दे चुके हो और मैंने सुना है कि तुम लोग अपना पजामा किसी और को देने की योजना बना रहे हो।

PunjabKesariपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के वक्त वाजपेयी लखनऊ में थे। गांधी के निधन से हतप्रभ अटल ने रूंधे गले से सिर्फ इतना कहा कि अपूर्णनीय क्षति। लखनऊ में पहली बार वाजपेयी ने वर्ष 1991 में किस्मत आजमाई। इस दौरान यहां के एक अखबार ने जन सर्वेक्षण प्रकाशित किया कि अटल कांग्रेसी उम्मीदवार रंजीत सिंह से भारी मतों से हार रहे हैं। इस पर भाजपा समर्थक उग्र हो गए और मीडिया को भी लगा कि शायद अटल की इस खबर पर तीखी प्रतिक्रिया होगी मगर इसके विपरीत वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वे कहता है कि मैं हार रहा हूं। इसलिए आप उठ जाओ और मेरी जीत सुनिश्चित करने के लिए और कडी मेहनत करो। मीडिया के प्रति आदर भाव देख पूरा देश उनका कायल हो गया।

PunjabKesariवाजपेयी के खिलाफ लखनऊ में कई जानेमाने चेहरों ने चुनाव लड़ा जिनमें कांग्रेस नेता करण सिंह, जानेमाने वकील राम जेठमलानी, बालीवुड निर्माता मुजफ्फर अली और मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर का नाम शामिल है। ये सभी चेहरे हालांकि वाजपेयी का मुकाबला नही कर सके मगर सभी ने सार्वजनिक रूप से उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। पूर्व प्रधानमंत्री ने वर्ष 1990 के मध्य में भाजपा- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन में महती भूमिका अदा की। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी वाजपेयी के बसपा संस्थापक कांशीराम और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से मधुर संबंध थे और इसी ने गठबंधन की राह आसान कर दी।

PunjabKesariसमाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव से वाजपेयी के दोस्ताना रिश्ते किसी से छिपे नहीं थे। लखनऊ में मुस्लिम बिरादरी खासकर शिया वर्ग को भाजपा के प्रति करीब लाने में वाजपेयी का महत्वपूर्ण योगदान था। वाजपेयी ने भाजपा के कई नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में अहम रोल अदा किया। इनमें से एक केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!