पूर्व में वर्चस्व की जंग, अंसारी के सामने होगी फिर एक बेवा

Edited By ,Updated: 28 Jan, 2017 11:07 AM

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बाहुबली मुख्तार अंसारी को आखिर राजनीतिक संरक्षण मिल ही गया।

लखनऊ: बाहुबली मुख्तार अंसारी को आखिर राजनीतिक संरक्षण मिल ही गया। सपा में न सही बसपा में सही। वैस्ट यू.पी. में माफिया की छवि रखने वाले मुख्तार अंसारी ने अपने कौमी एकता दल का बसपा में विलय करके यह साबित कर दिया कि राजनीति में कोई सिद्धांत व आदर्श परमानैंट नहीं होते। अंसारी बंधुओं की मायावती के साथ विलय की दास्तान बहुत ही संक्षिप्त हो सकती है लेकिन उसके कारनामों की दास्तान बहुत ही लंबी है। उसके सामने सबसे बड़ा चैलेंज बन रही हैं पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की बेवा अलका राय। अलका राय ने खुलकर कह दिया है कि मुख्तार और उसके भाई अफजल ने उनके पति की हत्या कराई थी और वे उन्हें सबक सिखाएंगी।

ये लोग आपराधिक छवि वाले-अलका राय
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के महमूदाबाद के भाजपा विधायक रहे कृष्णा नंद  राय की 2005 में हत्या कर दी गई थी। मुख्तार के साथ राय की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी। 2006 में यहां उपचुनाव हुए तो कृष्णा नंद राय की बेवा अलका राय ने जीत हासिल की थी और इस बार फिर से भाजपा ने अलका को ही प्रत्याशी बनाया है। अलका का कहना है कि पिछले साल अंसारी बंधुओं ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कर लिया था। जब शिवपाल यादव व अखिलेश यादव के बीच वर्तमान विवाद शुरू हुआ तो अंसारी को लगा कि उनकी दाल वहां नहीं गल पाएगी। अलका का कहना है कि ये लोग आपराधिक छवि वाले हैं। उन्हें किसी न किसी राजनीतिक संरक्षण की जरूरत थी। उन्हें सपा या बसपा जैसे दलों की जरूरत है और इसलिए सपा में दाल न गलती देख उन्होंने मायावती का दामन थाम लिया।

अखिलेश का दिमाग अल्पसंख्यक विरोधी
मुख्तार अंसारी मऊ से बसपा की टिकट पर लड़ेंगे तो अलका के सामने महमूदाबाद से वर्तमान विधायक व मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ही प्रत्याशी होंगे। निर्दलीय विधायक सिबगतुल्लाह का कहना है कि मुलायम सिंह यादव ने हमें पहले ही कह दिया था कि अखिलेश का दिमाग अल्पसंख्यक विरोधी है लेकिन जब हमारा खुलेआम अपमान किया गया तो हमें इसका अहसास हुआ। मायावती ने भी अंसारी को वापस लेते हुए कहा कि वह भटक गए थे और अब सुधरने के लिए तैयार हैं। मायावती ने यह भी कहा कि वह अब राजा भैया व डी.पी. यादव जैसे अपराधियों की नहीं सुन रही हैं।

अंसारियों का रिकार्ड
उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल इलाका अपराध और राजनीति के गठजोड़ के लिए कुख्यात है। जेल में बंद मुख्तार अंसारी मऊ से लगातार 4 बार से विधायक हैं। एक बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर, 2 बार निर्दलीय और एक बार खुद की बनाई पार्टी कौमी एकता दल से उनके एक और भाई सिबगतुल्लाह अंसारी भी उसी पार्टी से विधायक हैं। जबकि एक अन्य भाई अफजाल अंसारी सांसद रह चुके हैं।

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