उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए कल से होगा नामांकन

Edited By Ruby,Updated: 08 Apr, 2018 06:36 PM

uttar pradesh legislative council elections will be nominated from tomorrow

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के खाली 13 सीटों पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया कल से शुरू होगा। विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव के संबंध में अधिसूचना कल जारी की जाएगी। राजनीतिक दलों ने अभी तक चुनाव में उम्मीदवारों के...

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधान परिषद के खाली 13 सीटों पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया कल से शुरू होगा। विधान परिषद की 13 सीटों पर होने वाले चुनाव के संबंध में अधिसूचना कल जारी की जाएगी। राजनीतिक दलों ने अभी तक चुनाव में उम्मीदवारों के नाम भी तय नहीं किए हैं। 

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य विपक्षी दल लगातार गहन मंथन में लगे हैं। पिछले माह राज्यसभा चुनाव में जिस तरह की खींचतान सत्तारूढ़ पार्टी और एकजुट हुआ विपक्ष में देखने को मिला था उसी तरह की रस्साकशी अब विधान परिषद चुनाव में भी हो सकती है।  इन 13 सदस्यों का कार्यकाल अगले माह की पांच तारीख को समाप्त हो जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख 26 अप्रैल निर्धारित की है।  

नामांकन नौ अप्रैल से शुरू हो जाएगा
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन नौ अप्रैल से शुरू हो जाएगा। नामांकन पत्र दाखिल करने की अन्तिम तिथि 16 अप्रैल है। 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी तथा 20 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतदान 26 अप्रैल को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा और मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से होगी। विधान परिषद की 13 सीटों में से 11 पर भाजपा को जीत हासिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी। बाकी बची दो सीटों के लिए अगर विपक्षी दलों ने मिलकर काम किया तो यह सीटें उनकी झोली में जा सकती हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक सीट पर स्वयं भी दोबारा सदस्यता हासिल करने के लिए मैदान में उतर सकते हैं और एक सीट सपा, बसपा को दे सकती है।

उम्मीदवारों के नाम को लेकर गहन मंथन जारी
भाजपा में भी चुनाव में खड़े हो रहे उम्मीदवारों के नाम को लेकर गहन मंथन जारी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की इसी सप्ताह लखनऊ की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर मंत्रणा की जायेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों डॉ. महेंद्र कुमार सिंह और मोहसिन रजा का कार्यकाल भी पांच मई को पूरा हो रहा है। भाजपा इन दोनों को ही एक बार फिर चुनावी दंगल में उतार सकती है। इस चुनाव में एक बार फिर सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा के बीच जबरदस्त खींचतान देखने को मिलेगी। इस चुनाव में एक बार फिर इस गठबंधन की ताकत का पता चल जाने की उम्मीद की जा रही है। 

सपा ने बसपा को जीताने में मदद का दिया आश्वासन 
भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस गठबंधन में शामिल दलों को हतोत्साहित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा को विधान परिषद की दोनों सीटों को जीतने में मदद का आश्वासन दिया है। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के समर्थन के बावजूद बसपा उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। इसको देखते हुए सुश्री मायावती भविष्य में क्या फैसला लेंगी विधान परिषद चुनाव में इसका खुलासा होगा।  हालांकि राज्यसभा की तरह विधान परिषद की कुल 13 सीटों में से 11 पर भी अगर भाजपा को सफलता हासिल होती है तो सत्तारूढ़ दल सबसे ज्यादा फायदे में रहेगा हालांकि भाजपा के लिए 12 सीटों पर जीत हासिल करने की संभावना कम ही है लेकिन ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है। 

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