Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Apr, 2018 10:28 AM
आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले संघप्रिय ने UPSC एग्जाम में 92वां रैंक हासिल किया है। एक कंपनी ने उन्हें 10 लाख का पैकेज ऑफर किया था लेकिन उन्होंने पैकेज ठुकराकर यूपीएससी का रास्ता चुना।
लखनऊ\कानपुर: आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले संघप्रिय ने UPSC एग्जाम में 92वां रैंक हासिल किया है। एक कंपनी ने उन्हें 10 लाख का पैकेज ऑफर किया था लेकिन उन्होंने पैकेज ठुकराकर यूपीएससी का रास्ता चुना। बर्रा थाना क्षेत्र के जरौली फेस वन में रहने वाले जय कृष्ण कानपुर देहात के झींझक सीएचसी में हेल्थ सुपरवाईजर हैं। परिवार में पत्नी माधुरी, 2 बेटियां, 2 बेटे संघप्रिय और अंकुर के साथ रहते हैं।
संघप्रिय ने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया और 2015 में पास आउट हुए थे। संघप्रिय का छोटा भाई अंकुर भी आईआईटी कानपुर से बीटेक कर रहा है। संघप्रिय ने बताया कि जब मैंने आईआईटी कानपुर में एडमिशन लिया था तब मेरे मन में सिविल एग्जाम की तयारी की कोई बात नहीं थी। लेकिन जब मैं बीटेक के लास्ट सेमेस्टर के एग्जाम दे रहा था, उसी समय समाजसेवा करने का विचार मेरे मन में आया। लेकिन मेरा कैम्पस सिलेक्शन हो गया था और एक कम्पनी मुझे 7 लाख रुपए सालाना का पैकेज दे रही थी।
लेकिन मेरा मन नही लगा और मैंने जॉब नहीं की। इसके बाद एक कंपनी ने 10 लाख रुपए का पैकेज ऑफर रखा वो भी मैंने ठुकरा दिया। संघप्रिय ने बताया कि साक्षात्कार में मुझसे एक बड़ा ही मजेदार प्रश्न पूछा गया कि फिल्म पद्मावत के साथ जो विवाद हुआ था, यदि आप डीएम होते तो कैसे निर्णय लेते? संघप्रिय ने बताया कि मैंने इसका जवाब बड़े ही साधारण ढंग से दिया कि जब पद्मावत को सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया तो मेरा फर्ज है कि मैं इस फिल्म को सभी सिनेमा हाल में सुरक्षा के साथ रिलीज कराऊं और दर्शकों और सिनेमाहाल को सुरक्षा मुहैया कराऊं। इसके साथ ही अराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्यवाई करूं।