Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 14 Jan, 2021 09:55 AM
उत्तर प्रदेश को जल्द ही 28 निजी विश्वविद्यालय और 51 राजकीय महाविद्यालय मिलेंगे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश को जल्द ही 28 निजी विश्वविद्यालय और 51 राजकीय महाविद्यालय मिलेंगे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले साढे़ तीन वर्षों के दौरान प्रदेश की उच्च शिक्षा का स्वरूप बदल गया है। खासकर शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों में तेजी से काम हो रहा है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश को जल्द ही 28 नए निजी विश्वविद्यालय मिलेंगे। साथ ही प्रदेश में 51 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालयों के मध्य प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाने के लिए 28 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आशय पत्र निकाले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बनाई गई 16 सदस्यीय कमेटी तेजी से काम कर रही है। हर महीने कमेटी के साथ समीक्षा बैठक भी की जाती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आई। कोरोना काल खंड के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा के अनुसार प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट श्रेणी की पाठय सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया गया। इसमें 23 विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों, 1700 शिक्षाविदों व तकनीकी विशेषज्ञों के योगदान से 73468 से अधिक ई-कंटेंट पोर्टल पर छात्रों को निशुल्क उपलब्ध कराया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं मार्च तथा अप्रैल में कराए जाने पर विचार किया जा रहा है।
शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की डिजिटल लाइब्रेरी की कामयाबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आईआईटी खड़गपुर की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया ने प्रदेश सरकार को साझेदारी का प्रस्ताव भेजा है। देश भर के छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षिक पाठय सामग्री उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा की डिजिटल लाइब्रेरी व नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आईआईटी खड़गपुर के बीच साझेदारी के लिए उच्च शिक्षा विभाग को सहमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट सेंटर एवं सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिन्दूइज्म, बौद्धिइज्म एवं जैनिज्म की स्थापना की जा रही है। इससे हिन्दुत्व में शोध को बढ़ावा मिलेगा।