Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Jan, 2019 04:35 PM
दशकों तक बिजली की किल्लत का दंश झेलने वाले उत्तर प्रदेश ने बीते साल ऊर्जा क्षेत्र में स्वालंबन की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाये मगर बिजली विभाग की अग्नि परीक्षा आगामी गर्मी के मौसम में होगी...
लखनऊः दशकों तक बिजली की किल्लत का दंश झेलने वाले उत्तर प्रदेश ने बीते साल ऊर्जा क्षेत्र में स्वालंबन की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाये मगर बिजली विभाग की अग्नि परीक्षा आगामी गर्मी के मौसम में होगी।
जनसंख्या के मामले में देश में अव्वल इस राज्य में बिजली दशकों तक अहम समस्या रही है। हर मौसम विशेषकर गर्मियों में बिजली को लेकर प्रदर्शन और उपकेन्द्रों में तोडफ़ोड़ की घटनाएं यहां आम हो चुकी है। लगभग हर चुनाव में बिजली एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन कर उभरती रही है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 2017 में इस समस्या पर गंभीर रूख अपनाया जिसे सहयोग करने के लिये केन्द्र ने भी अपने हाथ बढाये नतीजन बिजली स्थिति में काफी सुधार आया है। इसके चलते 2018 के दौरान बिजली को लेकर ना के बराबर विरोध प्रदर्शन हुये।
विशेषज्ञ मानते है कि बिजली सुधार के क्षेत्र में राज्य ने लंबी छलांग लगायी है मगर केन्द्र की सौभाग्य योजना के तहत शत प्रतिशत विद्युत कनेक्शन का लक्ष्य हासिल करने के बाद गर्मियों में सरकार के लिये बिजली आपूर्ति के स्तर को बरकरार रखना जटिल चुनौती होगी क्योंकि बिजली की मांग बढऩे का सीधा असर आपूर्ति पर पडना तय है।