Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 02 Jan, 2021 09:12 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचनद बैराज परियोजना तथा अयोध्या बैराज परियोजना को उपयोगी बताते हुए इनके निर्माण कार्यों में प्राथमिकता से कार्यवाही किए जाने के निर्देश...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचनद बैराज परियोजना तथा अयोध्या बैराज परियोजना को उपयोगी बताते हुए इनके निर्माण कार्यों में प्राथमिकता से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने सरकारी आवास पर प्रस्तावित पंचनद बैराज परियोजना तथा अयोध्या बैराज परियोजना के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि इन परियोजनाओं से पेयजल की उपलब्धता, सिंचन क्षमता तथा पर्यटन वृद्धि की गतिविधियों को भी जोड़ते हुए कार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि पंचनद बैराज परियोजना से औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन में सिंचन क्षमता में वृद्धि होगी तथा इन जिलों के साथ-साथ अन्य जिले भी लाभान्वित होंगे। साथ ही, कृषकों को लाभ होगा। राज्य सरकार आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए निरन्तर प्रयासरत और प्रतिबद्ध है। इस परियोजना से सामाजिक व आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ मत्स्य पालन और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड के साथ-साथ मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश भी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे। पंचनद बैराज परियोजना से नदियों के जल की अविरलता बनाए रखने में भी मदद मिलेगी, जिससे पर्वों, त्योहारों और कुम्भ के दौरान जनता को लाभ होगा। अयोध्या बैराज परियोजना के सम्बन्ध में योगी ने कहा कि इस परियोजना के मद्देनजर सरयू की प्रकृति व प्रवाह का व्यापक अध्ययन करते हुए कार्य किया जाए। परियोजना को इस प्रकार तैयार किया जाए कि सरयू समेत अयोध्या में घाटों पर जल के प्रवाह की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। उन्होंने कहा कि अयोध्या को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में भी इस परियोजना से मदद मिलेगी। इस अवसर पर यमुना नदी पर आगरा शहर में स्थित ताजमहल के 1.5 किमी डाउन स्ट्रीम में रबर डैम के निर्माण के सम्बन्ध में प्रस्तावित परियोजना का भी प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने सभी परियोजनाओं के प्रस्तुतीकरण के उपरान्त अधिकारियों को परियोजनाओं के सम्बन्ध में ठोस प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार तथा सम्बन्धित एजेन्सियों व संस्थाओं से समन्वय किये जाने के निर्देश दिये। पंचनद बैराज परियोजना के सम्बन्ध में अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना क्वारी, पहुंज, सिन्ध, चम्बल तथा यमुना जी के संगम से लगभग 16 किमी दूर होगी। इससे औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन में 64,950 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का अपग्रेडेशन होगा, जिससे लगभग 83,000 कृषक लाभान्वित होंगे।