Edited By Ramkesh,Updated: 20 Jan, 2021 03:24 PM
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत के चुनाव को देखते हुए प्रत्याशी प्रधानी पाने के लिए हर प्रकार की जुगत में लगे है। लगे भी न तो क्यों इन गांवों के खाते में इतनी रकम पहुंच रही है कि शायद विधायक को भी विकास के लिए बजट नहीं मिलता है।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत के चुनाव को देखते हुए प्रत्याशी प्रधानी पाने के लिए हर प्रकार की जुगत में लगे है। लगे भी न तो क्यों इन गांवों के खाते में इतनी रकम पहुंच रही है कि शायद विधायक को भी विकास के लिए बजट नहीं मिलता है। वहीं गोरखपुर के जिलों में 10 ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं, जिन्हें 10 करोड़ रुपये का परफार्मेंस ग्रांट न केवल आवंटित हो चुका है, बल्कि पेशगी के तौर पर पहली किस्त के 50-50 लाख रुपये भी मिल चुके हैं। वहीं कुछ प्रधानों ने इस बजट को खर्च कर दिया है। लेकिन आने वाले समय में यह धनराशि दोबारा आवंटित होगी। इसलिए कोई प्रत्याशी इस मौके को गवाना नहीं चाहता है।
बता दें कि सामान्य गांवों में जहां प्रत्याशी बैनर-पोस्टर, होर्डिंग लगाकर दावेदारी जताने में जुटे हैं वहीं परफार्मेंस ग्रांट के लिए चयनित गांवों में दावतों और सेवा का दौर अभी से शुरू हो गया है। प्रत्याशी अपने खास समर्थकों के घर दावतों का आयोजन कर पुराने गिले-शिकवे दूर करने में जुट गए हैं। मतदाताओं के कोर्ट-कचहरी, थाना-पुलिस और सरकारी महकमों से जुड़े लंबित कामों को कराने के लिए भी प्रत्याशी कार्यालयों का चक्कर काटते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2016-17 के 700 करोड़ रुपये के परफार्मेंस ग्रांट में से करीब 300 करोड़ रुपया गोरखपुर की 37 ग्राम पंचायतों को आवंटित किया गया है। तीन ग्राम पंचायतों के नगर निकाय में शामिल होने के चलते उनकी डीपीआर पर विचार नहीं किया गया। 34 ग्राम पंचायतों के लिए आवंटित 300 करोड़ रुपये डीपीआर के हिसाब से गांवों में बांटे जाएंगे, जिन्हें खर्च करने का अधिकार प्रधान और सचिव को होगा।