Edited By Deepika Rajput,Updated: 30 Oct, 2018 11:29 AM
लगातार बढ़ता पॉल्यूशन उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी शर्मनाक बात है। जितनी तेजी से प्रदेश में टूरिस्टों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से यहां पर पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न शहरों की हवा अब जहरीली होनी शुरू हो गई है।
कानपुरः लगातार बढ़ता पॉल्यूशन उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी शर्मनाक बात है। जितनी तेजी से प्रदेश में टूरिस्टों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से यहां पर पॉल्यूशन भी बढ़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न शहरों की हवा अब जहरीली होनी शुरू हो गई है। सर्वे के मुताबिक, देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों में 8 उत्तर प्रदेश के हैं। जिसमें औद्योगिक नगरी कानपुर में प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी का रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कानपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा और बागपत समेत कई शहरों में प्रमुख प्रदूषणकारी तत्व पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की खतरनाक स्तर तक मौजूदगी रही।
कानपुर की स्थिति बेहद खराब
सूचकांक के मुताबिक उद्योग नगरी कानपुर में शाम 5 बजे पीएम 2.5 की मौजूदगी 400 से अधिक रही। गाजियाबाद भी ज्यादा पीछे नहीं रहा। यहां भी पीएम 2.5 का संघनन लगभग 400 ही रहा। बागपत में पीएम 2.5 का संघनन औसतन 380 के आसपास रहा। इसके अलावा नोएडा में शाम 5 बजे तक पीएम 2.5 का संघनन 379, हापुड़ में 371, बुलंदशहर में 360, मुजफ्फरनगर में 352, ग्रेटर नोएडा में 340, आगरा में 323, लखनऊ के लालबाग में 305, तालकटोरा औद्योगिक केंद्र में 322, निशातगंज में 303 और सेंट्रल स्कूल में 284 रहा।