Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 06:32 PM
तीन लोक से न्यारी मथुरा नगरी के 2 गावों में होली का प्रमुख आकर्षण होली की आग से पंडों का निकलना है। यह होली इतनी चमत्कारिक होती है कि इसे देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबाने लगते हैं। हकीकत यह...
मथुराः तीन लोक से न्यारी मथुरा नगरी के 2 गावों में होली का प्रमुख आकर्षण होली की आग से पंडों का निकलना है। यह होली इतनी चमत्कारिक होती है कि इसे देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबाने लगते हैं। हकीकत यह है कि यह होली भक्त का भगवान के प्रति समर्पण का इम्तिहान है। मथुरा के 2 गावों जटवारी और फालेन में भगवान विष्णु की कृपा से इन पंडों के लिए होली की आग बर्फ सी शीतल बन जाती है।
सामान्यतया होली जलने का मुहूर्त पंडित लोग बताते हैं, लेकिन इन गावों में मुहूर्त पहले से नहीं बताया जाता एवं पूजन के समय ही पंडा होली में आग लगाने के लिए कहता है। पूर्व प्रधान डा. रामहेत के अनुसार जटवारी एवं फालैन गांव छाता तहसील में हैं। दोनों गावों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर से भी कम है। दोनों ही गावों में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर मथुरा एवं दिल्ली के बीच छाता होकर शेरगढ़ जाना होगा। वहां से इन दोनों गावों में पहुंचा जा सकता है। दूसरा रास्ता कोसी होकर इन गांवो को जाता है। छाता होकर जाने में जहां जटवारी गांव पहले पड़ेगा वहीं कोसी होकर फालैन गांव पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि इन गावों में प्रह्लाद कुंड में डुबकी लगाते ही होली से निकलने वाले पंडों में भक्त प्रहलाद की तरह भगवान विष्णु की कृपा की वर्षा होने लगती है और इन पंडो को होली की आग बर्फ की तरह शीतल लगने लगती है। छाता तहसील के दो गांवों फालैन और जटवारी अपनी अनूठी होली के कारण मशहूर हैं यहां पर जिस प्रकार होली की आग से होकर अलग अलग समय में दो पंडे निकलते हैं वह भगवत कृपा का जीवन्त नमूना है।