Edited By Ajay kumar,Updated: 31 Dec, 2019 10:58 AM
शहद या मधु का मीठापन किसे पसंद नहीं, लेकिन अधिकारियों के हाथ-पांव उस वक्त फूल गए जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शहद का स्वाद चखने की...
सीतापुरः शहद या मधु का मीठापन किसे पसंद नहीं, लेकिन अधिकारियों के हाथ-पांव उस वक्त फूल गए जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शहद का स्वाद चखने की चाहत से अपने काफिले को बीच सड़क पर रोकने का आदेश दे दिया। अधिकारी कुछ समझ पाते, इससे पहले राज्यपाल आनंदीबेन अपनी कार से उतरी और सड़क किनारे बने मधुमक्खी प्लांट की तरफ चल पड़ीं।
शहद का चखा स्वाद, बच्चों को दी शाबाशी
बता दें कि मधुमक्खी प्लांट पर पहुंची राज्यपाल ने पहले मधुमक्खी पालन के बारे में जानकारी ली, फिर उन्होंने प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान, राज्यपाल ऐसे बच्चों से भी मिलीं जो मधुमक्खी पालन के कार्य से जुड़े हुए हैं। उन्होंने शहद का स्वाद चखा और बच्चों को शाबाशी देते हुए बोलीं शहद असली है। उन्होंने मधुमक्खी पालन से जुड़े बच्चों को राजभवन का आने का न्यौता दिया और राजभवन के लिए रवाना हो गई।
नैमिषारण्य दर्शन करने पहुंची थी राज्यपाल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल सीतापुर में नैमिषारण्य दर्शन करने के लिए पहुंची थी। राज्यपाल ने सबसे पहले रुद्रावर्त तीर्थ पर जाकर गोमती नदी में बेलपत्र चढ़ाए और फिर नदी के किनारे बने भगवान शंकर के मन्दिर मे भी पूजा अर्चना भी की। बताते हैं कि इस स्थान की मान्यता है कि यहां बेलपत्र, दूध और पानी मे डालने से डूब जाता है।
राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से की मुलाकात
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मां ललिता देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद चक्रतीर्थ पर पहुंची। वहां से राज्यपाल का काफिला हनुमान गढ़ी के लिये निकला ही था, तभी मध्य प्रदेश से आये कुछ श्रद्धालुओं ने उनके काफिले को रोक लिया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने राज्यपाल से मुलाकात की, राज्यपाल के सरल स्वभाव को देखकर मध्यप्रदेश के श्रद्धालु खुश नजर आए और उनकी तारीफ की। अंत में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल हनुमानगढ़ी पहुंची और वहां पूजा-अर्चना की।