यूपी सरकार को नहीं पता कौन करेगा मदारियों का पुनर्वास!

Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 May, 2018 08:51 AM

up government will not know who will rehabilitate the kingdom

आजादी के बाद से अब तक के दशकों में उत्तर प्रदेश में गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस पार्टी, सबको समानता देने की बात करने वाले समाजवाद की बुनियाद पर बनी समाजवादी पार्टी, पहले बहुजन और फिर सर्वजन की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी और सबका साथ...

लखनऊ: आजादी के बाद से अब तक के दशकों में उत्तर प्रदेश में गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस पार्टी, सबको समानता देने की बात करने वाले समाजवाद की बुनियाद पर बनी समाजवादी पार्टी, पहले बहुजन और फिर सर्वजन की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी और सबका साथ सबका विकास की बात कहकर सत्ता पर काबिज हुई भारतीय जनता पार्टी का शासन रहा है, पर शायद यह इस राज्य का दुर्भाग्य ही है कि इन चारों बड़ी पार्टियों ने सत्ता मिलने के बाद अपने मूल सिद्धांतों को कहीं पीछे छोड़ दिया और गरीब, समाजवाद, बहुजन और सबके विकास की बात कहकर सत्ता में आए ये राजनीतिक दल अपनी पूंजी बनाने में लगे रहे। इन्होंने समाज में हाशिए पर पड़े कुछ लोगों के बारे में आज तक सोचा ही नहीं।

हम बात कर रहे हैं यूपी के समाज के उस तबके की जो मेलों में या गली-गली घूम कर जनता को बंदर, बंदरिया, भालू, सांप, बिच्छू, कांतल आदि जानवरों और कीट-पतंगों के साथ करतब दिखाकर मिले ईनाम से अपना जीवनयापन करते हैं और जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में मदारी कहा जाता है। आर.टी.आई. कंसल्टैंट और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आर.टी.आई. पर यूपी के समाज कल्याण विभाग के अनु सचिव रवि शंकर मिश्र द्वारा बीती 20 मई के पत्र द्वारा दिए गए जवाब से एक ऐसा खुलासा हुआ है जिससे मदारियों के प्रति राज्य सरकार की संवेदनहीनता उजागर होने के साथ-साथ राजनीतिक दलों के वादों की ढोल की पोल भी उजागर हो गई है।

संजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने 4 साल पहले मई 2014 में यूपी सरकार को एक आर.टी.आई. भेज कर राज्य सरकार द्वारा मदारियों के पुनर्वास के लिए चलाई गई योजनाओं और किए गए वित्तीय आबंटन की सूचना मांगी थी। एक्टीविस्ट संजय कहते हैं कि अपनी सुविधाओं के लिए एक पल का भी इंतजार नहीं करने वाले सरकारी तंत्र ने मात्र यह सूचना देने में 4 साल लगा दिए कि यूपी के समाज कल्याण विभाग ने बेचारे मदारियों के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं किया है क्योंकि मदारियों का कल्याण करना उनके विभाग की कार्यसूची में नहीं है।

पुनर्वास की मांग के लिए सीएम आवास पर एकत्रित होंगे मदारी
संजय शर्मा ने बताया कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 6 माह का समय देकर उनसे मांग करेंगे कि वह 6 माह में यूपी के मदारियों के पुनर्वास के लिए एक कार्यक्रम बनाएं। संजय ने बताया कि अगर योगी ने उनकी यह मांग पूरी नहीं की तो वह सूबे के मदारियों के साथ लखनऊ स्थित सीएम आवास के बाहर अपनी यह मांग पूरी होने तक धरना देंगे।

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