उप्र सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए गम्भीर: जय प्रताप सिंह

Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Nov, 2019 09:53 AM

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उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव के लिए गंभीर है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव के लिए गंभीर है। जय प्रताप सिंह ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप आज तक प्रदेश में डेंगू रोग के पांच हजार 724 केस पाये गये हैं और कुल नौ की मृत्यु हुई है, जो कि वर्ष 2016 की तुलना में काफी कम है। वर्ष 2016 में डेंगू के लगभग 15000 केस पाये गये थे तथा डेंगू रोग से 42 रोगियों की मृत्यु हुई थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए गम्भीर है और इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जेई और एईएस0 पर 38 जिलों में नियंत्रण किया गया, उसी प्रकार डेंगू पर भी नियंत्रण किया जा रहा है।

 जय प्रताप सिंह ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो डेंगू वायरस से होती है। इस रोग को फैलाने वाला मच्छर (एडिज एजिप्टाई) घरों एवं घरों के आस-पास रुके हुये साफ पानी में पनपता है। डेंगू की बीमारी मुख्यत: मानसून एवं मानसून के बाद के महीनों में फैलती है तथा इसमें चक्रीय प्रवृत्ति देखने को मिलती है। प्रत्येक तीन वर्ष के अन्तराल पर डेंगू रोग के मामलों में वृद्वि देखी गयी है। उन्होंने बताया कि इस साल डेंगू मामलों की संख्या, डेंगू रोग की त्रिवर्षीय चक्रीय प्रवृत्ति के द्दष्टिगत वर्ष 2016 के समान अपेक्षित थी। इस संभावना को ध्यान में रखते हुये प्रदेश सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये गये। इन प्रयासों के अन्तर्गत मच्छर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए तीन विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान (माह -फरवरी, जुलाई एवं सितम्बर, 2019) में व्यापक रूप से चलाये गये।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुल 67 हजार 873 स्कूलों में नोडल अध्यापकों का मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए संवेदीकरण किया गया है। शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रदेश के विद्यालयों को एडवाइजरी जारी की गयी है कि स्कूल में आने वाले सभी बच्चे पूरी आस्तीन वाली कमीज एवं फुल पैन्ट पहनकर आयें क्योंकि यह मच्छर दिन के समय काटता है। राज्य के मुख्य सचिव ने राज्य के सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को संबंधित विभागों के समन्वय स्थापित करते हुये डेंगू रोग के रोकथाम एवं बचाव के लिए विशेष प्रयास किये जाने के निर्देश दिये गये।

लखनऊ में 1467, कानपुर नगर में 1169, प्रयागराज में 234, सहारनपुर में 216 एवं वाराणसी में 178 डेंगू रोगी चिन्हित हुए। डेंगू रोग की रोकथाम के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें मुख्यत: प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर मच्छर जनित परिस्थितियों को समाप्त करना, एन्टी लार्वल स्प्रे एवं फॉगिंग का कार्य शामिल है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में कुल 9 लाख 37 हजार 252 घरों का भ्रमण किया गया, जिसमें कुल 10 लाख 88 हजार 32 कन्टेनर्स की जांच की गयी। मच्छर जनित परिस्थितियां पाये जाने पर कुल 6 हजार 128 लोगों को नोटिस जारी की गयी है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे डेंगू से बचाव के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए जनता को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार और रक्त की जांच की नि:शुल्क व्यवस्था उपलब्ध है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ0 देवेश चतुर्वेदी, सूचना निदेशक शिशिर एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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