Edited By Ramkesh,Updated: 11 May, 2021 12:27 PM
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में चुनती दी हैं। उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी थी।...
लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में चुनती दी हैं। उन्हें गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 23 मार्च को अनिवार्य सेवानिवृति दी थी। अमिताभ ने अपनी याचिका में कहा कि भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पूरी तरह गलत हैं और मात्र उनके प्रति व्यक्तिगत तथा व्यवस्थाजन्य विद्वेष तथा पूर्वाग्रह के कारण पारित किये गए हैं, जिससे उनका पूरा परिवार दुष्प्रभावित हुआ है।
अमिताभ ने कहा कि यूपी शासन ने बिना कारण व आधार के मनमाने ढंग से उनका नाम चुन कर उन्हें सेवा से निकाले जाने की संस्तुति की, जिसे भारत सरकार ने अनुमोदित कर दिया। अत: जब उन्होंने इस आदेश से संबंधित अभिलेख मांगे तो दोनों सरकार द्वारा उन्हें अभिलेख देने से मना कर दिया गया। अमिताभ ने कहा कि इस प्रकार से अभिलेख देने से मना करने से यह साफ़ हो जाता है कि दोनों सरकार के आदेश गलत हैं और इन्हें छिपाना चाहती हैं। अत: उन्होंने इस आदेश को ख़ारिज करते हुए उन्हें सेवा में वापस लिए जाने तथा उन्हें इस अवधि के समस्त सेवा लाभ दिए जाने की प्रार्थना की है।