Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 13 Jun, 2020 10:27 PM
भय का पर्याय बन चुके खतरनाक कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। ऐसे में इस जंग में उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे डॉक्टर अंकित भरत उन नायकों में शुमार हो गए हैं। जो कि इस जानलेवा...
मेरठः भय का पर्याय बन चुके खतरनाक कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। ऐसे में इस जंग में उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे डॉक्टर अंकित भरत उन नायकों में शुमार हो गए हैं। जो कि इस जानलेवा वायरस को हराने में जी जान से जुटे हुए हैं। इसी क्रम में वह अमेरिका के एक अस्पताल में सर्जनों की एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कोरोना के एक मरीज पर फेफड़ों के दोहरे प्रत्यारोपण में सफलता हासिल की है। यह करके उन्होंने मेडिकल की दुनिया में इतिहास रच दिया है।
बता दें कि डॉक्टरों को ऐसा करने में पहली बार सफलता मिली है। उन्होंने जिस मरीज पर इस ट्रीटमेंट को अजमाया है वह 20 साल की एक युवती है। कोरोना वायरस की वजह से उसके फेफड़े बेकार हो गए थे।
शिकागो की रहने वाली इस युवती के दोनों फेफड़े ट्रांसप्लांट किए गए हैं। अगर ये ट्रांसप्लांट सफल न होता तो ये युवती जीवित न बचती। डॉ अंकित ने इस युवती को जीवनदान दिया है।
40 साल के अंकित भरत शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न मेमोरियल अस्पताल में थोरैसिक सर्जरी के प्रमुख और फेफड़ों के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सर्जिकल निदेशक हैं। मेरठ से पढ़ें लिखे डॉक्टर अंकित की इस कामयाबी पर उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। मेरठ में रहने वाले डॉक्टर अंकित भरत के पिता जो ख़ुद भी एक डॉक्टर हैं उनका कहना है कि ये किसी कोविड मरीज़ का अब तक का सबसे कठिन ट्रांसप्लांट था। इस ऑपरेशन को करने में डॉक्टर अंकित को 10 घंटे लगे थे। इसी वायरस के कारण युवती के फेफड़े बुरी तरह खराब हो गए थे।